
वजन घटाने का आसान तरीका
कहावत है इलाज से बेहतर है बचाव। मोटापा भी एक ऐसी समस्या है, जिसे समय रहते रोका जाए तो आगे चलकर डायबिटीज, हृदय रोग, फैटी लिवर और जोड़ों की बीमारियों से बचा जा सकता है। मोटापे से बचाव के लिए दवाओं या सर्जरी का इंतजार करने की बजाय जीवनशैली में छोटे लेकिन असरदार बदलाव जरूरी हैं, जिससे मोटापा कम किया जा सकता है। मेट्रो हॉस्पिटल फरीदाबाद में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉक्टर विशाल खुराना ने बताया वजन घटाने का असरदार तरीका क्या है?
खाने का बनाएं हेल्दी- डाइट को कम खाने की बजाय सही खाने की सोच के साथ अपनाएं। अपने खाने में भरपूर रंग-बिरंगी सब्ज़ियां शामिल करें। आपकी प्लेट में करीब आधा हिस्सा सब्जियों का होना चाहिए। इसके अलावा साबुत फल, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, गेहूं की रोटी, क्विनोआ, कम फैट वाला प्रोटीन, मछली, बिना चमड़ी का चिकन, दालें, बीन्स, टोफू, हेल्दी फैट, ऑलिव ऑयल, मेवे, बीज, एवोकाडो जैसी चीजें शामिल करें।
इन चीजों से रहें दूर- खाने में मीठे पेय, सोडा, पैक्ड जूस, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड स्नैक्स, फास्ट फूड, मैदा, सफेद ब्रेड, सफेद चावल, ज्यादा चीनी और आर्टिफ़िशियल स्वीटनर वाले खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड रेड मीट जैसे सॉसेज और बेकन खाने से बचें।
एक्टिव रहना जरूरी- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वयस्कों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मीडियम व्यायाम या 75 मिनट तेज व्यायाम करना चाहिए। सप्ताह में 2 दिन मांसपेशियों को मजबूत करने वाला व्यायाम जरूरी है। व्यायाम का मतलब केवल जिम नहीं पैदल चलें, साइकिल चलाएं, सीढ़ियां चढ़ें, घर या ऑफिस में छोटे-छोटे 10 मिनट के एक्टिव ब्रेक लें। जो गतिविधि आपको पसंद हो, वही सबसे कारगर होती है। निरंतरता, तीव्रता से ज़्यादा अहम है।
नींद को प्राथमिकता दें- नींद की कमी वजन बढ़ने का बड़ा कारण बन सकती है। कम नींद से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं और मेटाबॉलिज़्म धीमा पड़ता है। बेहतर नींद के लिए रोज़ एक ही समय पर सोएं और उठें। सोने का कमरा शांत, ठंडा और अंधेरा रखें। सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं। दोपहर बाद कैफीन कम करें। अधिकतर वयस्कों को 7–9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।
तनाव और इमोशनल ईटिंग को कंट्रोल करें- लगातार तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे खासकर पेट के आसपास चर्बी बढ़ती है। इससे बचने के लिए रोज 10 मिनट ध्यान या माइंडफुलनेस एक्टिविटी करें। इमोशनल ईटिंग के कारण को पहचानें। तनाव, बोरियत या थकान से बचें। खाने के बजाय टहलना, किसी दोस्त से बात करना या शौक अपनाएं। जरूरत हो तो काउंसलर या थैरेपिस्ट की मदद लें।
पर्याप्त पानी पिएं- पानी पीने से मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है और प्यास को भूख समझने की गलती कम होती है। दिन में 8–10 गिलास पानी पिएं, मौसम और गतिविधि के अनुसार मात्रा समायोजित करें।
नाश्ता न छोड़ें- हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ लोगों के लिए कारगर हो सकती है, लेकिन आमतौर पर प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता दिनभर भूख को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जैसे अंडे और मल्टीग्रेन टोस्ट, ओट्स में मेवे व फल, या ग्रीक योगर्ट खाएं।
माइंडफुल ईटिंग अपनाएं- खाने के दौरान ध्यान दें कि टीवी या मोबाइल देखते हुए न खाएं, धीरे-धीरे चबाएं, छोटी प्लेट का उपयोग करें, भूख और पेट भरने के संकेतों को समझें।
मोटापा एक दिन में नहीं बढ़ता और न ही एक दिन में घटता है। सही खानपान, नियमित गतिविधि, अच्छी नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट ये सभी मिलकर मोटापे से बचाव की मजबूत नींव बनाते हैं। याद रखें, सही समय आज है, जब इलाज की नहीं बल्कि बचाव की जरूरत है।
