Image Source : ऑफिशियल वेबसाइट
भारत में पेट्रोल पंपों का नेटवर्क एक लाख के आंकड़े को पार कर गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर के अंत तक देश में कुल 1,00,266 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे थे। इस तरह भारत पेट्रोल पंपों की संख्या के मामले में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है, जबकि इन दोनों देशों का भौगोलिक क्षेत्र भारत से कहीं बड़ा है।
Image Source : ANI
सरकारी तेल विपणन कंपनियों द्वारा बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने और ग्रामीण क्षेत्रों व राष्ट्रीय राजमार्गों तक ईंधन की पहुंच बढ़ाने के लिए बीते वर्षों में तेजी से नए आउटलेट खोले गए हैं। इसका एक बड़ा कारण देश में वाहनों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी भी है।
Image Source : ANI और ऑफिशियल वेबसाइट
आंकड़ों के मुताबिक, देश के 90 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल पंप सरकारी कंपनियों-इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्वामित्व में हैं। रूस की रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी देश की सबसे बड़ी निजी ईंधन रिटेलर है, जिसके 6,921 पेट्रोल पंप हैं। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी के संयुक्त उपक्रम के 2,114 आउटलेट्स हैं। शेल के देश में 346 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं।
Image Source : ANI
पीपीएसी के अनुसार, 2015 में देश में पेट्रोल पंपों की संख्या 50,451 थी, जो अब लगभग दोगुनी हो चुकी है। उस समय निजी कंपनियों के 2,967 आउटलेट थे, जो कुल बाजार का करीब 5.9 प्रतिशत हिस्सा थे। वर्तमान में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गई है।
Image Source : ऑफिशियल वेबसाइट
भारत में ईंधन रिटेलिंग में निजी क्षेत्र की भागीदारी की शुरुआत वित्त वर्ष 2004 में हुई थी, जब देश में निजी कंपनियों के केवल 27 पेट्रोल पंप थे। वैश्विक स्तर पर तुलना करें तो अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोल पंप नेटवर्क है।
Image Source : ANI
देश में ग्रामीण इलाकों में स्थित पेट्रोल पंपों की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 29 प्रतिशत हो गई है, जो एक दशक पहले 22 प्रतिशत थी। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों का स्वरूप भी बदल रहा है। अब कई आउटलेट्स पर पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ सीएनजी, और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
