
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लोग गाज़ा पट्टी के हालात पर तो आंसू बहाते हैं लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या पर चुप्पी साध लेते हैं। योगी ने कहा कि विपक्ष के लोग गाजा के मुद्दे पर कैंडल मार्च निकालते हैं लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं का दर्द उन्हें दिखाई नहीं देता, ये दोहरा रवैया और तुष्टिकरण की राजनीति अब देश के लोग सहन नहीं करेंगे। योगी ने विरोधी दलों को चुनौती दी कि वे विधानसभा में बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाएं। योगी ने कहा कि जब बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को यहां से बाहर का रास्ता दिखायेंगे तो विपक्ष उनके समर्थन में आगे न आये।
योगी ने विधानसभा में जो कहा वो जमीनी स्तर पर दिख भी रहा है। पूरे उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपाठियों के खिलाफ ऑपरेशन टॉर्च चल रहा है। पुलिस खास तौर पर उन बस्तियों में जाकर लोगों के दस्तावेज चैक कर रही हैं जिनमें दूसरे राज्यों से आए हुए लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। लखनऊ, गाजियाबाद, वाराणसी और कानपुर में घुसपैठियों की तलाश की जा रही है। हर मंडल में एक डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है जिसमें अवैध घुसपैठियों को रखा जाएगा। अब तक वाराणसी में 500 से ज्यादा संदिग्धों की पहचान की गई है। लखनऊ और कानपुर में रात के अंधेरे में ऑपरेशन टॉर्च चलाया जा रहा है।
सबको पता है कि हमारे देश में लाखों बांग्लादेशी कई साल से गैरकानूनी तरीके से रहते आए हैं। वे देश के संसाधनों का इस्तेमाल करके भारत के नागरिकों का हक़ मारते हैं। लेकिन कभी किसी ने इसकी परवाह नहीं की। अब पहली बार निर्णायक कार्रवाई हो रही है और बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या को वापस उनके मुल्कों में भेजा जा रहा है। इस अभियान का असर कुछ साल बाद दिखाई देगा।
उद्धव-राज गठबंधन: क्या बीएमसी जीत पाएंगे?
महाराष्ट्र में 20 साल बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे फिर साथ-साथ आ गए। उद्धव और राज ठाकरे ने मुम्बई नगर निगम BMC का चुनाव मिलकर लड़ने का एलान किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र का नेतृत्व कोई ठाकरे ही कर सकता है लेकिन दिल्ली में बैठे दो लोग मराठी मानुस का हक़ छीनने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए ठाकरे परिवार सारे विवाद भुलाकर मराठियों के सम्मान की लड़ाई लड़ने के लिए साथ आया है। उद्धव ने कहा कि हम आज एक साथ आए हैं और अब कभी अलग नहीं होंगे।
परिवार की एकता दिखाने के लिए उद्धव राज ठाकरे के घर गए और उनकी मां का आशीर्वाद लिया। फिर दोनों परिवार एक साथ बाला साहब ठाकरे के स्मारक पहुंचे, उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने गए। अभी कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, ये नहीं बताया गया। राज ठाकरे ने कहा कि सब कुछ तय है लेकिन रणनीति के तहत सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है क्योंकि कुछ लोग उनके उम्मीदवारों को चुराने की कोशिश में लगे हैं। राज ठाकरे ने कहा कि गठबंधन के बाद एक बात तय है कि मुम्बई का अगला मेयर मराठी होगा और वो इसी गठबंधन से होगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दो भाई साथ आए हैं, ये खुशी की बात है लेकिन महाराष्ट्र की जनता जानती है कि उद्धव और राज अपने अस्तिव के लिए लड़ रहे हैं, मजबूरी में साथ आए हैं, इसलिए इससे महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बदलने वाला नहीं है। फडणवीस ने कहा कि उद्धव और राज ठाकरे हिंदुत्व और मराठी अस्मिता की बातें सिर्फ कुर्सी पाने के लिए करते हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ठाकरे भाईयों का सियासी मिलन महाराष्ट्र और मराठी मानुस के लिए नहीं है, ये लोग अपने स्वार्थ के लिए गले मिले हैं। पता चला है कि BMC के अलावा दोनों पार्टियां ठाणे, कल्याण, डोंबिवली, मीरा भयंदर, नवी मुंबई का नगरपालिका चुनाव मिलकर लड़ सकती हैं।
ये बात सही है कि उद्धव और राज ठाकरे मजबूरी में साथ आए हैं, चुनाव जीतने के लिए इकट्ठा हुए हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में ये कोई अचरज की बात नहीं है। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे मजबूरी में साथ आए थे, अजित पवार को भी मजबूरी में ही साथ लिया गया था। आजकल सबको लगता है कि अकेले चुनाव लड़ना मुश्किल होगा। शिवसेना के टुकड़े होने से उद्धव ठाकरे कमजोर हुए। राज ठाकरे की पार्टी का पिछले कई चुनाव में खाता भी नहीं खुला। इसीलिए दोनों भाई मिलकर BMC चुनाव के लिए प्रयोग करने साथ आए हैं। अगर चुनाव जीते तो मिलाप बना रहेगा, अगर हारे तो विलाप होगा। (रजत शर्मा)
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