वीर बाल दिवस पर 20 बच्चों को किया गया सम्मानित, यहां देखें बच्चों के साथ PM मोदी की PHOTOS


  • वीर बाल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें दो बच्चों को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया गया है। खास बात ये है कि इस बार अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जिंदगी बचाने वाले बच्चों के अलावा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों की सेवा करने वाले साहसी बच्चे, नए नए एप डेवलप करने वाले बच्चे, खेती किसानी के लिए नई मशीनें बनाने वाले गरीब बच्चों के साथ-साथ खेल के मैदान में देश का नाम रोशन करने वाले बच्चे भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं।

    Image Source : X/NarendraModi

    वीर बाल दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 20 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें दो बच्चों को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया गया है। खास बात ये है कि इस बार अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जिंदगी बचाने वाले बच्चों के अलावा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों की सेवा करने वाले साहसी बच्चे, नए नए एप डेवलप करने वाले बच्चे, खेती किसानी के लिए नई मशीनें बनाने वाले गरीब बच्चों के साथ-साथ खेल के मैदान में देश का नाम रोशन करने वाले बच्चे भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में शामिल हैं।

  • 14 साल के क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी को भी बाल पुरस्कार मिला है। बिहार के रहने वाले वैभव आईपीएल में सबसे कम उम्र के और सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी इन सभी विजेता बच्चों से मुलाकात की और उनसे बातें की। जिन बच्चों को आज सम्मानित किया गया उनमें फिरोजपुर के श्रवण सिंह भी शामिल हैं। 10 साल के श्रवण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को चाय पिलाते थे, उनकी सेवा करते थे। श्रवण ने कहा कि वो बड़े होकर आर्मी में जाना चाहते हैं। देश के वीर जवानों की तरह भारत माता की रक्षा करना चाहते हैं।

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    14 साल के क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी को भी बाल पुरस्कार मिला है। बिहार के रहने वाले वैभव आईपीएल में सबसे कम उम्र के और सबसे तेज शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने भी इन सभी विजेता बच्चों से मुलाकात की और उनसे बातें की। जिन बच्चों को आज सम्मानित किया गया उनमें फिरोजपुर के श्रवण सिंह भी शामिल हैं। 10 साल के श्रवण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को चाय पिलाते थे, उनकी सेवा करते थे। श्रवण ने कहा कि वो बड़े होकर आर्मी में जाना चाहते हैं। देश के वीर जवानों की तरह भारत माता की रक्षा करना चाहते हैं।

  • राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में झारखंड की अनुष्का कुमारी भी शामिल हैं। 14 साल की अनुष्का एक फुटबॉलर हैं। परिवार के खराब हालात और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अनुष्का ने फुटबॉल में अपनी पहचान बनाई है और वर्तमान में वो अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम का हिस्सा हैं। हजारीबाग में रहने वाली अनुष्का की मां सब्जी बेचती हैं, जबकि पिता लंबे समय से बीमार हैं। उन्हें उम्मीद है कि ये पुरस्कार मिलने के बाद उसके परिवार की स्थिति सुधरेगी और वो और अच्छे तरीके से अपने करियर को आगे बढ़ाएगी।

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    राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में झारखंड की अनुष्का कुमारी भी शामिल हैं। 14 साल की अनुष्का एक फुटबॉलर हैं। परिवार के खराब हालात और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अनुष्का ने फुटबॉल में अपनी पहचान बनाई है और वर्तमान में वो अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम का हिस्सा हैं। हजारीबाग में रहने वाली अनुष्का की मां सब्जी बेचती हैं, जबकि पिता लंबे समय से बीमार हैं। उन्हें उम्मीद है कि ये पुरस्कार मिलने के बाद उसके परिवार की स्थिति सुधरेगी और वो और अच्छे तरीके से अपने करियर को आगे बढ़ाएगी।

  • इसी तरह पश्चिम बंगाल के सुमन सरकार को भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में रहने वाले 16 साल के तबला वादक सुमन सरकार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में ये पुरस्कार मिला है। सुमन सरकार तीन साल की उम्र से तबला बजाते हैं। उन्हें अब तक नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 43 पुरस्कार मिल चुके हैं। आज राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने के बाद सुमन सरकार ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें इतना बड़ा अवॉर्ड मिलेगा।

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    इसी तरह पश्चिम बंगाल के सुमन सरकार को भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में रहने वाले 16 साल के तबला वादक सुमन सरकार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में ये पुरस्कार मिला है। सुमन सरकार तीन साल की उम्र से तबला बजाते हैं। उन्हें अब तक नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 43 पुरस्कार मिल चुके हैं। आज राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने के बाद सुमन सरकार ने कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें इतना बड़ा अवॉर्ड मिलेगा।

  • राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में मिजोरम की एस्तेर लालदुहावमी हनामते भी शामिल हैं। 9 साल की एस्तेर को कला और संस्कृति के क्षेत्र में ये अवॉर्ड मिला है। सोशल मीडिया पर एस्तेर के फॉलोवर्स मिलियन में हैं। वो एक बेहतरीन सिंगर हैं। प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर एस्तेर बेहद खुश हैं। उन्होंने इस प्रोग्राम में पीएम मोदी को वंदे मातरम गाना भी सुनाया।

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    राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वालों में मिजोरम की एस्तेर लालदुहावमी हनामते भी शामिल हैं। 9 साल की एस्तेर को कला और संस्कृति के क्षेत्र में ये अवॉर्ड मिला है। सोशल मीडिया पर एस्तेर के फॉलोवर्स मिलियन में हैं। वो एक बेहतरीन सिंगर हैं। प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर एस्तेर बेहद खुश हैं। उन्होंने इस प्रोग्राम में पीएम मोदी को वंदे मातरम गाना भी सुनाया।

  • विश्वनाथ कार्तिकेय को 16 साल की उम्र में स्पोर्ट्स कैटिगरी में यह अवार्ड मिला है। सात कॉन्टिनेंट की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाले सबसे यंग माउंटेनियर को बाल पुरस्कार मिला है। कार्तिकेय का कहना है कि वह चाहते हैं कि माउंटेंस साफ हों, क्योंकि अब धीरे-धीरे माउंटेंस पर लोग जा रहे हैं वहां कचरा फैला रहे हैं। एवरेस्ट के कैंप में भी बहुत गंदगी थी हम चाहते हैं हमारे माउंटेन साफ रहें। प्रधानमंत्री जी के साथ फ्यूचर के बारे में बात हुई विकसित भारत के बारे में बात हुई।

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    विश्वनाथ कार्तिकेय को 16 साल की उम्र में स्पोर्ट्स कैटिगरी में यह अवार्ड मिला है। सात कॉन्टिनेंट की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाले सबसे यंग माउंटेनियर को बाल पुरस्कार मिला है। कार्तिकेय का कहना है कि वह चाहते हैं कि माउंटेंस साफ हों, क्योंकि अब धीरे-धीरे माउंटेंस पर लोग जा रहे हैं वहां कचरा फैला रहे हैं। एवरेस्ट के कैंप में भी बहुत गंदगी थी हम चाहते हैं हमारे माउंटेन साफ रहें। प्रधानमंत्री जी के साथ फ्यूचर के बारे में बात हुई विकसित भारत के बारे में बात हुई।

  • बाराबंकी की 15 साल की पूजा को एजुकेशन सेक्टर में अवार्ड मिला है। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की ने किसानों की एक बहुत बड़ी मुश्किल हल कर दी है। पूजा ने गेहूं कटाई के बाद उड़ने वाली धूल का समाधान ढूंढ लिया है, जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार भी मिला है। पूजा के पिता मजदूर है, मां घरों में खाना बनाकर घर चलाती हैं। पूजा के सरकारी स्कूल के टीचर ने भी प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश में बच्चे अगर कुछ कर रहे हैं अच्छा तो उन्हें कैसे सराहा जाता है।

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    बाराबंकी की 15 साल की पूजा को एजुकेशन सेक्टर में अवार्ड मिला है। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की ने किसानों की एक बहुत बड़ी मुश्किल हल कर दी है। पूजा ने गेहूं कटाई के बाद उड़ने वाली धूल का समाधान ढूंढ लिया है, जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार भी मिला है। पूजा के पिता मजदूर है, मां घरों में खाना बनाकर घर चलाती हैं। पूजा के सरकारी स्कूल के टीचर ने भी प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश में बच्चे अगर कुछ कर रहे हैं अच्छा तो उन्हें कैसे सराहा जाता है।

  • श्रवण सिंह 6 साल की उम्र में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को चाय पिलाते थे और उनकी सेवा करते थे। श्रवण बड़े होकर आर्मी में जाना चाहते हैं और भारत की रक्षा करना चाहते हैं। इसके अलावा दो बच्चों को मरणोपरांत भी बाल पुरस्कार मिला है।

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    श्रवण सिंह 6 साल की उम्र में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर पर तैनात सैनिकों को चाय पिलाते थे और उनकी सेवा करते थे। श्रवण बड़े होकर आर्मी में जाना चाहते हैं और भारत की रक्षा करना चाहते हैं। इसके अलावा दो बच्चों को मरणोपरांत भी बाल पुरस्कार मिला है।





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