22 साल के बल्लेबाज की नंबर-3 की पॉजिशन पर नजर, कहा- IPL से मिला जबरदस्त कॉन्फिडेंस


AUS vs ENG- India TV Hindi
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जैकब बेथेल

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच जारी एशेज सीरीज अब खत्म होने की दहलीज पर है। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के 4 मुकाबले खेले जा चुके हैं और ऑस्ट्रेलिया सीरीज 3-1 से आगे है। पहले तीन ऑस्ट्रेलिया ने अपने नाम किए जबकि मेलबर्न में खेला गया चौथा टेस्ट इंग्लैंड ने 2 दिन के भीतर जीतकर पलटवार किया। अब सभी की नजरें सीरीज के 5वें और आखिरी टेस्ट मैच पर टिकी हैं, जिसका 4 जनवरी से सिडनी में आगाज होगा। इस मैच को लेकर इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज जैकब बेथेल काफी उत्साहित हैं और मेलबर्न में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल एशेज टेस्ट में एक और दमदार प्रदर्शन करके नंबर 3 की जगह पक्की करना चाहते हैं।

नंबर-3 पर बल्लेबाजी करना पसंद

22 साल के बेथेल ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में इंग्लैंड की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने मैच की दूसरी पारी में दबाव के बीच 40 रनों की अहम पारी खेली, जिससे इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराया और सीरीज में वापसी की। यह एशेज सीरीज में बेथेल को मिला पहला बड़ा मौका था। शुरुआती तीन टेस्ट में इंग्लैंड ने ऑली पोप पर भरोसा जताया था, लेकिन अपेक्षित प्रदर्शन न मिलने के बाद मेलबर्न टेस्ट में बेथेल को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। अब सिडनी टेस्ट में उन्हें एक बार फिर खुद को साबित करने का मौका मिल सकता है।

नंबर-3 पॉजिशन को लेकर बेथेल ने कहा कि उन्हें नंबर तीन पर बल्लेबाजी करना पसंद है। नई गेंद के साथ उतरना आसान नहीं होता, कभी-कभी गेंद काफी मूव करती है, लेकिन कई बार ऐसे मौके भी मिलते हैं जब गेंदबाज विकेट लेने की कोशिश में होते हैं और फील्ड अटैकिंग होती है, जिससे रन बनाने के कई अवसर मिलते हैं।

IPL से मिली मदद

उन्होंने आगे कहा कि अभी यह कहने के लिए कि यह उनकी पॉजिशन है, उन्हें और बहुत कुछ करना होगा। वह किसी भी रोल को पक्का करना चाहेंगे। अगर वह  प्लेइंग XI में हैं और जीत में योगदान दे रहे हैं, तो उनके लिए वही सबसे बड़ी बात है।

बेथेल का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ बिताए गए समय ने उन्हें बड़े मुकाबलों के लिए मानसिक रूप से तैयार किया। उन्होंने कहा कि मेलबर्न में 90 हजार से ज्यादा दर्शकों के सामने खेलना आसान नहीं था। उनके पास बेंगलुरु में करीब 50 हजार दर्शकों के सामने खेलने का अनुभव था, जो 1 लाख जैसा महसूस हुआ। उस अनुभव से उन्हें मेलबर्न टेस्ट में काफी आत्मविश्वास मिला।

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