
रामदास अठावले ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान।
मुंबई: मुंबई: मुंबई में होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका के चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां चुनाव से ठीक पहले बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। केंद्र में एनडीए के साथ रहने वाले रामदास अठावले ने बीएमसी चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन से खुद को अलग कर लिया है। रामदास अठावले ने अकेले दम पर बीएमसी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने बीजेपी पर पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है। अठावले ने कहा कि लगातार नजरअंदाज किए जाने की वजह से रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है। बीजेपी को इसपर ध्यान देना चाहिए।
रामदास अठावले ने गठबंधन से हटने की बताई वजह
बीएमसी चुनावों को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, “नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद जैसे कई शहरों में हमें सीटें नहीं दी गईं। नालासोपारा में हमें एक भी सीट नहीं मिली। आरपीआई को भिवंडी में एक सीट मिली। कल्याण-डोम्बिवली में एक भी सीट नहीं दी गई। इसलिए, भाजपा ने कई जगहों पर आरपीआई को नजरअंदाज करने की कोशिश की है। भाजपा अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहती है, लेकिन उसे हमारी पार्टी पर भी विचार करना चाहिए। इसीलिए रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा है, और भाजपा नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। हम 38 जगहों पर सौहार्दपूर्ण ढंग से चुनाव लड़ेंगे, और मुंबई में हमने भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ दिया है। हम मुंबई में अपने दम पर चुनाव लड़ रहे हैं।”
कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की VBA ने किया गठबंधन
बता दें कि दूसरी तरफ कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने गठबंधन कर लिया है और सीटों के बंटवारे पर अंतिम सहमति बना ली है। दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच कई दौर की चर्चाओं और बैठकों के बाद यह फैसला लिया गया है। बीएमसी की 227 सीटों में से कांग्रेस 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, वीबीए 62 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस महा विकास अघाड़ी (MVA) का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट भी शामिल हैं।
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