
मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट का मामला सुलझा
शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में 22 दिसंबर को मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट का विवाद अब शांत हो गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद पूरे देश में इसकी चर्चा हुई थी। हालांकि अब डॉक्टर राघव नरूला और मरीज अर्जुन पंवार ने एक-दूसरे को गले लगाकर समझौता कर लिया है। मीडिया के सामने दोनों ने एक साथ आकर अपना बयान भी दिया है।
समझौते के दौरान मरीज और आरोपी डॉक्टर ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और गले मिलकर विवाद को खत्म करने की घोषणा की। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी गलतियों को स्वीकार किया। खास बात यह रही कि समझौते के समय मरीज और डॉक्टर के माता-पिता भी मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, यह समझौता राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान के कार्यालय में हुआ। दोनों पक्षों की मौजूदगी में आपसी बातचीत के बाद सहमति बनी, जिसके बाद लंबे समय से चल रहा विवाद समाप्त हो गया।
गौरतलब है कि इस मारपीट प्रकरण के बाद आईजीएमसी में तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी और डॉक्टरों के संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। अब समझौते के बाद अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है।
हिमाचल प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप के बाद डॉ राघव नरूला और मरीज अर्जुन पंवार ने एक-दूसरे से माफ़ी मांग ली और दोनों ने ही हिमाचल प्रदेश की जनता से भी माफी की अपेक्षा की। डॉ राघव ने कहा कि दोनों ही पक्ष इस मामले में समझौता करना चाहते थे, लेकिन दोनों के रास्ते अलग थे। अब बातचीत के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि दोनों पक्षों में आपसी बातचीत के बाद समझौता हो गया है। सरकार नहीं चाहती थी कि किसी को भी कोई परेशानी हो। जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने पहले भी डॉक्टरों के साथ मुलाकात की थी और जांच का आश्वासन दिया था। नरेश चौहान ने कहा कि अब इस पूरे मामले में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद FIR भी वापस ली जाएगी। इसके अलावा डॉक्टर पर हुई कार्रवाई को भी जल्द वापस लिए जाने की संभावना है। (इनपुट: शिमला से रेशमा कश्यप)
