एक बुनकर का बेटा कैसे बना देश का कानून मंत्री, जानें कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल । who is Arjun Ram Meghwal a weaver’s son and telephone operator became the law minister of the country


who is Arjun Ram Meghwal a weaver's son and telephone operator became the law minister of the countr- India TV Hindi

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कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल?

देश के कानून मंत्री बनाए गए अर्जुन राम मेघवाल अपनी पारंपरिक वेशभूषा धोती कुर्ते और राजस्थानी पगड़ी के साथ एक अलग ही पहचान रखते हैं। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें कार मिली हुई है लेकिन मेघवाल अक्सर साइकिल से संसद भवन आते हैं और बागड़ी बोली के गीतों का शौक रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में शामिल माने जाने वाले मेघवाल को बृहस्पतिवार को देश के कानून मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई । लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि इस शीर्ष पद तक पहुंचने से कई दशक पहले मेघवाल ने अपने कैरियर की शुरूआत बीकानेर में एक टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में की थी। बीकानेर के पास क‍िशमीदेसर गांव में एक साधारण दलित परिवार में पैदा हुए मेघवाल के पिता पेशे से बुनकर रहे हैं । 

मात्र 13 साल में हो गई थी शादी

मेघवाल की मात्र 13 वर्ष की उम्र में पाना देवी शादी हो गई लेकिन अपने बुनकर पिता के साथ काम में हाथ बंटाते हुए उन्होंने एलएलबी और एमबीए की डिग्री हासिल की । पढ़ाई पूरी करने के बाद मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्हें भारत डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला। राजनीति में अनौपचारिक रूप से उन्होंने तब कदम रखा जब उन्होंने टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़ा और महासचिव चुने गए।टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। नौकरशाहों की शीर्ष टोली में इन्हें तब जगह मिली जब इनको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के रूप में पदोन्नति मिली और वह राजस्थान में चुरू के जिलाधिकारी बने।

टेलीफोन ऑपरेटर से शुरू किया करियर

किरेन रीजीजू की जगह संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। रीजीजू अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार संभालेंगे। मेघवाल के राजनीतिक जीवन की विधिवत शुरुआत साल 2009 में हुई । 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्‍त‍ि लेकर भाजपा के टिकट पर बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता और उसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं हुई । वह 2014 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। केन्द्र सरकार में वित्त व कंपनी मामलों के राज्य मंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रह चुके मेघवाल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए। 

केंद्र में बढ़ने लगा मेघवाल का कद

केंद्र में मेघवाल का कद बढ़ाए जाने को राज्‍य के विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राज्‍य में दलित मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने एक कोशिश भी कहा जा सकता है। राजस्‍थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। मेघवाल समुदाय, राजस्‍थान के अनुसूचित जाति वर्ग में आता है जिसकी राज्‍य की कुल अनुसूचित जाति में आधे से भी अधिक की हिस्‍सेदारी मानी जाती है। जानकारों के अनुसार राज्‍य में दलित करीब 18 प्रतिशत है और इसमें भी आधे से अधिक मेघवाल हैं। राज्‍य की अनेक विधानसभा सीटों पर मेघवाल मतदाता निर्णायक भूमिका रखते हैं। राजस्थान में गत व‍िधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में हुए थे। उसमें भाजपा को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित 59 सीटों में से केवल 21 सीटें मिलीं थीं जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में इसने 50 सीटों पर जीत दर्ज की। 

स्थानीय राजस्थानी भाषा के शौकीन

वर्ष 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो मेघवाल को लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक तथा आवास समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2016 में मेघवाल को केंद्रीय वित्त व कॉर्पोरेट राज्य मंत्री का दायित्व दिया। 2019 में जब भाजपा दुबारा सत्‍ता में आई तो मेघवाल को भारी उद्योग एवं लोक उद्यम और संसदीय कार्य राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया। मेघवाल अपने राजनीतिक व संवैधान‍िक दाय‍ित्‍वों के साथ साथ अन्‍य कदमों के कारण भी चर्चा में रहते हैं। चाहे वह साइकिल से संसद जाना हो या स्‍थानीय लोगों के बीच बागड़ी बोली में भजन बाणी करना। अपने पारंपरिक पहनावे व व्‍यवहार के कारण मतदाताओं के बीच उनकी अलग छव‍ि रही है। मेघवाल ने बीकानेर के श्री डुंगर कॉलेज से बीए की डिग्री पाई और उसी संस्थान से वकालत में एलएलबी की स्नातक डिग्री हासिल की। मेघवाल ने व्यापार प्रबंधन में फिलीपीन से एमबीए भी क‍िया हुआ है। 

(इनपुट-पीटीआई)

 

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