बृजभूषण के खिलाफ मामले में अगले हफ्ते अदालत को जांच रिपोर्ट सौंप देगी SIT l Police will submit investigation report to the court next week in the case against Brij Bhushan singh bajrang punia sakshi


Wrestler, Brijbhushan Sharan Singh- India TV Hindi

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बृजभूषण शरण सिंह

नई दिल्ली: पहलवानों के द्वारा यौन शोषण के आरोपों पर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच कर रही SIT अगले हफ्ते अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप सकती है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहा दिल्ली पुलिस का विशेष जांच दल उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों की जांच रिपोर्ट अगले हफ्ते अदालत को सौंप सकता है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि अब तक की अपनी जांच के तहत एसआईटी ने 180 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। SIT ने इस दौरान बृजभूषण के गांव जाकर भी उनसे और उनके कई सहयोगियों से पूछताछ की है। बता दें कि इससे पहले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा था कि दिल्ली पुलिस जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। 

बुधवार को पहलवानों और अनुराग ठाकुर की हुई बैठक 

वहीं बुधवार को पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की। यह मुलाकात मंत्री के आवास पर हुई और कई घंटों तक चली। पहलवानों के साथ बैठक के बाद ठाकुर ने कहा, “अच्छे माहौल में सकारात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मुद्दे पर हुई है। लगभग छह घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई, उसमें पहलवानों के आरोपों की जांच करके 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल करने की मांग शामिल है।” 

खिलाडियों ने रखी कई मांगें 

अनुराग ठाकुर ने कहा कि बैठक में सभी फैसले आपसी सहमति से लिए गए। खिलाड़ियों ने जो सुझाव रखे उनमें भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव 30 जून तक कराए जाने की मांग शामिल है। इसके अलावा यह भी कहा गया कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव में अच्छे पदाधिकारी चुनकर आएं और महासंघ ठीक से चले, इसके लिए बृजभूषण शरण सिंह और उनसे संबंधित लोग महासंघ में चुनकर न आएं।

‘WFI की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए’ 

खेल मंत्री ने आगे कहा, “इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि WFI की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे। जब तक WFI के चुनाव नहीं होते, तब तक IOA की तदर्थ समिति में 2 कोच के नाम प्रस्तावित किए गए हैं ताकि तकनीकी दिक्कतें न हों। खिलाड़ियों की यह भी मांग थी कि महिला खिलाड़ी या बाकी खिलाड़ियों को आवश्यकतानुसार सुरक्षा मिले। जिन खिलाड़ियों या अखाड़ों या कोच के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन मुकदमों को वापस लिया जाए।”

 

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