how Congress is shifting towards hard Hindutva in madhya pradesh elections । एमपी चुनाव में सॉफ्ट नहीं, हार्ड हिंदुत्व पर आई कांग्रेस


kamalnath- India TV Hindi

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हार्ड हिंदुत्व की लाइन पर खुलकर खेल रहे कमलनाथ

कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस ने बजरंगबली के सहारे बीजेपी की सत्ता का दहन किया था। तो अब मध्य प्रदेश के सियासी मैच को जीतने के लिए कांग्रेस एक कदम आगे बढ़कर धार्मिक चौके छक्के मार रही है। पीसीसी में जय श्री राम के नारे, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड के पाठ, बाबाओं की कथा, गणपति जी के स्थापना के बाद अब कांग्रेस ने चुनावों में गंगाजल की एंट्री कराई है। कांग्रेस कमलनाथ के 11 वचन लिखी हुई गंगाजल की 1 लाख बोतलें इंदौर में बांटने जा रही है।

दिख रही कांग्रेस की नई तस्वीर

हिंदू राष्ट्र की अलख जगाने वाले बाबा बागेश्वर की बात हो या अपनी कथाओं के जरिए देश दुनिया को शिव भक्त बनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में कमलनाथ का शामिल होना, तमाम कांग्रेसियों का जन आक्रोश यात्रा से पहले ईश चरणों में सर झुकाना, यह सत्ता की चाह में बदलती कांग्रेस की नई तस्वीर है।

कांग्रेस के चुनावी गणित में हिंदुत्व
कर्नाटक में बीजेपी के बजरंगबली पर उठाए मुद्दे के फ्लॉप हो जाने के बाद कांग्रेस के एमपी में आजमाए जा रहे नए सेकुलरिज्म का मतलब अब हिंदू तीज त्योहारों परंपराओं को पार्टी के फोरम से लेकर व्यक्तिगत जीवन के प्लेटफार्म तक उतरना है। कांग्रेस ने अपनी चुनावी गणित में जहां हिंदुत्व को शामिल कर लिया है, तो पार्टी अब तमाम सनातनी परंपराओं को भी अपनाते दिख रही है। यही वजह है कि कांग्रेस गंगाजल के सहारे अपना सियासी तर्पण करना चाहती है।

गंगाजल अभियान के पीछे कांग्रेस का बड़ा प्लान
चाहे कांग्रेस कार्यालय में वास्तु दोष के मुताबिक बदलाव करना हो या गंगाजल जैसे सनातनी आस्था की चीजों के जरिये कांग्रेस एमपी के चुनाव में 90% हिंदू आबादी के दिल दिमाग में बैठाना चाहती है कि उनकी जड़ों में भी सनातन जागृत है। यही वजह है कि गंगाजल की बोतलों के जरिए न केवल शिवराज के राज के तमाम खामियों को उजागर किया जाएगा, बल्कि कमलनाथ के 11 वचनों को भी इन बोतलों में चिपके स्टीकर के जरिए जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

कांग्रेस गंगाजल की 1,00,000 बोतलों के जरिए इंदौर की महू विधानसभा से शुरू होकर धीरे-धीरे तमाम इंदौर जिले की विधानसभाओं तक पहुंचेगी। उसके बाद यह अभियान प्रदेश में एक बड़ा रूप ले सकता है।
गंगाजल की बोतलों पर चिपके कमलनाथ के 11 वचन-

  1. महिलाओं को ₹1500 हर महीने
  2. ₹500 में गैस सिलेंडर 
  3. 100 यूनिट बिजली फ्री, 200 हाफ
  4. किसानों का कर्ज होगा माफ 
  5. पुरानी पेंशन योजना लागू होगी
  6. 5 हॉर्स पावर सिंचाई की बिजली फ्री 
  7. किसानों के बिजली बिल माफ 
  8. ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण 
  9. 12 घंटे सिंचाई के लिए बिजली 
  10. जातिगत जनगणना कराएंगे 
  11. किसानों के मुकदमे वापस होंगे

शिवराज बोले- जो झूठे हैं, उन्हें कसमें खानी पड़ती हैं
लेकिन बीजेपी की मानें तो राम मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस को चुनाव के वक्त ही गंगाजल और गणपति बप्पा याद आते हैं। अब जब बात चुनावी माहौल में गंगाजल की आई तो खुद शिवराज सिंह चौहान मैदान में उतर पड़े। सीएम ने कहा कि चाहे गंगाजल घर ले जाएं या नर्मदा जल, जनता हम पर विश्वास करती है, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनता हम पर विश्वास करती है इसलिए हमको कसम खाने की जरूरत नहीं है। इसलिए जो झूठे हैं उनको झूठी कसमें खानी पड़ती हैं। 

क्यों हिंदू वोट को लुभा रहे सियासी दल?
दरअसल, एमपी में 90 फीसदी आबादी हिन्दू है। ऐसे में कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ जानते हैं कि चुनाव केवल एक वर्ग के विश्वास के जरिये नहीं जीता जा सकता। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह, प्रमोद कृष्णन समेत तमाम कांग्रेसियों के विरोध के बावजूद कमलनाथ डंके की चोट पर हिंदुत्व की ध्वज पताका चुनावों में फहरा रहें हैं।

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