महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को बीड़ में आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया तो वहीं भाजपा नेता और एनसीपी नेता के घर पर हमला किया गया और आगजनी की गई। वहीं, इस आरक्षण के समर्थन में सीएम शिंदे गुट के सांसद भी आ गए हैं और अबतक दो सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल और नासिक से सांसद हेमंत गोडसे ने अपना इस्तीफा दिया है। मराठा समुदाय के प्रति समर्थन दिखाने के लिए दोनों सांसदों ने ये कदम उठाया है। मराठा आंदोलन में हिंसा के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने NCP नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी है। मुंबई में मंत्रालय के सामने स्थित नये NCP कार्यालय (अजीत पवार गुट) की सुरक्षा भी बढ़ाई गई। इसके अलावा मुख्यमंत्री के बंगले के आसपास के रास्तों पर भी पुलिस की तैनाती की गई है।
नासिक से शिंदे गुट से सांसद हेमंत गोडसे ने अपना इस्तीफा सीएम एकनाथ शिंदे को भेजा है। बता दें कि इससे पहले हिंगोली से शिंदे गुट सांसद हेमंत पाटिल ने सोमवार को अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को भेजा था। एक तरफ मराठा आंदोलनकारी सांसदों और विधायकों के घरों और गाड़ियों को निशाना बना रहे हैं तो वही सांसदों का मराठा समाज के समर्थन में इस्तीफा देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
सीएम शिंदे ने मनोज जरांगे से फोन पर की बात
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जरांगे पाटिल से फोन पर बातचीत की और उनकी तबियत के बारे में पूछा। सीएम शिंदे ने उनसे करीब 24 मिनट तक बातचीत की और उन्हें हिदायत देते हुए उनसे पानी पीते रहने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने उनकी मांगे पूरी करने का भरोसा भी दिलाया। बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल के भूख हड़ताल का आज सातवां दिन है। सीएम के साथ हुई बातचित की पूरी डिटेल कुछ देर बाद मनोज जरंगे पाटिल अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देंगे।
मुंडन आंदोलन किया गया
इन सबके बीच मुम्बई के भाइकला में मराठा समाज के लोग आज अनशन पर बैठे मनोज जारंगे पाटिल के समर्थन और मराठा आरक्षण जल्द देने की मांग को लेकर “मुंडन आंदोलन” किया। मुंडन करा रहे लोगों ने कहा कि शिंदे सरकार सिर्फ बैठक कर रही है और आश्वासन दे रही है लेकिन इससे अब काम नही चलेगा। मराठाओं को जल्द आरक्षण देना चाहिए। अब सिर्फ वादों से काम नही चेलेगा। हालांकि इन लोगों ने एक सुर में मराठवाड़ा में विधायकों और सांसदों के घरों पर हमले और हिंसा का विरोध किया। इनका कहना है कि कुछ लोग मराठा आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है, इनसे बचने चाहिए। इन्होंने अपील की शांतिपूर्ण तरीके से मराठा आरक्षण आंदोलन करना चाहिए, किसी भी तरह की हिंसा बिल्कुल गलत है।
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