‘मोहल्ला क्लीनिक नहीं वह मौत का क्लीनिक है’, भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर साधा निशाना


BJP President Virendraa Sachdeva Remark on Non Standard medicines at Delhi Hospitals mohalla clinics- India TV Hindi

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भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बीते दिनों मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखी थी। इस पत्र में उन्होंने मांग की थी कि दिल्ली में चल रहे सरकारी अस्पतालों में नकली दवा के मामले में सीबीआई जांच कराई जाए। इस मामले पर अब दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा कि वो मोहल्ला क्लीनिक नहीं हैं, बल्कि वो मौत का क्लीनिक है। यह बड़े ही शर्म की बात है कि दिल्ली के अस्पतालों में फर्जी दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है। जुलाई में सैंपल लिए गए थे और अक्टूबर में रिपोर्ट जारी की गई थी। उन्हें (स्वास्थ्य मंत्री) नकली दवाओं को जब्त करने का आदेश देना चाहिए था। आज वे खुद को बचाने के लिए अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को हम आम आदमी पार्टी कार्यालय पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे और दिल्ली के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करेंगे। 

मोहल्ला क्लीनिक नहीं, मौत का क्लीनिक

इससे पहले वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि दिल्ली की सरकारी अस्पतालों में जो इलाज करवा रहे हैं वो भगवान की कृपा से जीवित हैं। उन्होंने कहा, विजिलेंस और लैब रिपोर्ट हमारे पास है। सरकार जनता की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। जिन दवाइयों से लोग ठीक होने की उम्मीद करते हैं उनके सैंपल फेल हो गए हैं। सचदेवा ने कहा कि 5 कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं। लोगों की शिकायत के बाद जांच की गई। जो सबसे बड़ी दवाई है वो हार्ट के इलाज के लिए हैं, जिससे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा और मरीज ठीक नहीं हो रहा है। लेकिन लोगों की जिंदगी से खेलना उनको घटिया इलाज देना दिल्ली सरकार मानवता की दुश्मन है। 

सीबीआई जांच की मांग

बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने अप्रमाणिक दवाईयों की खरीद के मामले में जांच के आदेश दिए थे। दरअसल लोगों की शिकायतों पर आप सरकार ने अस्पतालों के लिए बेतरतीब तरीक से दवाओं की खरीद की थी। जब इन दवाइयों का परीक्षण किया गया तो ये दवाइयां सरकारी और निजी परीक्षण प्रयोगशालाओं की टेस्ट के मापदंडों में फेल हो गईं। बता दें कि दिल्ली में पहले से शराब घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, राशन कार्ड घोटाला और डीटीसी बस घोटाला जैसे मामले आए दिन सुनाई पड़ते हैं। ऐसे में अब दिल्ली के सरकार अस्पतालों में अप्रमाणिक दवाइयों का विवाद गरमाया हुआ है। 





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