इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को खुलासा किया कि अवैध अप्रवासियों के खिलाफ जारी अभियान के तहत देश से निकाले गए लोगों में सेना में काम कर रहे 2 अधिकारी स्तर के अफगान नागरिक भी शामिल हैं। यह खुलासा ऐसे समय किया गया है जब पाकिस्तान की एयरफोर्स ने सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे सशस्त्र समूहों पर रातभर हवाई कार्रवाई की जिसमें 8 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव नए सिरे से बढ़ गया है। पाकिस्तान में हाल में कई आतंकवादी हमले हुए हैं और उसने खुले तौर पर कहा है कि उसे अफगान तालिबान से अलग हुए समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की संलिप्तता का संदेह है।
‘आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं’
बता दें कि पाकिस्तान ने बार-बार अफगान सरकार से TTP और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने गत 31 अक्टूबर से देश में अवैध रूप से बसे अफगान लोगों को निर्वासित करने का अभियान शुरू किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक प्राइवेट टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि सरकार के स्तर पर अफगानिस्तान से और घुसपैठ नहीं हुई है। हालांकि, समय-समय पर आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयास होते रहते हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा भौगोलिक बनावट की वजह से खुली हुई है जिसकी वजह से घुसपैठिए आसानी से पाकिस्तान में प्रवेश कर सकते हैं।
‘TTP के अधिकांश लोग अफगानिस्तान में रहते हैं’
आसिफ ने कहा कि सीमाएं खुली होने की वजह से घुसपैठिए कानूनी दस्तावेज भी प्राप्त कर सकते हैं और यहां तक कि पाकिस्तान की सेना में भर्ती भी हो सकते हैं। आसिफ ने कहा,‘रक्षा मंत्री के रूप में, मैंने 2 या 3 फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें अफगान रंगरूटों को निष्कासित किया गया। उनमें से एक कैप्टन और एक लेफ्टिनेंट था।’ अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े आतंकवादियों का जिक्र करते हुए आसिफ ने कहा कि संगठन के अधिकतर सदस्य अफगानिस्तान में रहते हैं, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के दौरान 3 से 4 हजार आतंकवादियों को ‘पुनर्वास’ के लिए पाकिस्तान लाया गया था।
पाकिस्तान में मौजूद हैं 14 लाख अफगान शरणार्थी
एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में 17 लाख अफगान रहते हैं जिनमें से 14 लाख लोगों को शरणार्थी का दर्जा प्राप्त है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने अफगानों के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा कि उचित दस्तावेजों के बिना रह रहे व्यक्ति को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ना होगा नहीं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पाकिस्तान के इस ऐलान के बाद से अफगानिस्तान का शासन चला रहे तालिबान के साथ उसके रिश्तों में कड़वाहट आई है।