उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक युवक को झूठे मामले में फंसाने के आरोप में 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने युवक के कार में जबरन पिस्तौल रखी थी। युवक का नाम अमित है। अमित के पिता दिनेश का आरोप है कि उनका बेटा 21 जुलाई को एक समारोह से लौट रहा था। तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने एक बाजार में उसकी कार रोकी और जबरन उसकी कार में पिस्तौल रख दी। इसके बाद अमित के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
4 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड
घटना शिकारपुर थाना क्षेत्र की है। घटना का एक कथित वीडियो ऑनलाइन सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी मोटरसाइकिल से हथियार निकालकर कार में रखते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि वीडियो में दिख रहे सभी पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक (क्राइम ब्रांच) राकेश कुमार मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि शिकारपुर के थाना प्रभारी, नगर चौकी प्रभारी और दो कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहे दो होम गार्डों के संबंध में एक अलग रिपोर्ट भेजी जा रही है और एक जांच रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को भेजी जाएगी।
पुलिस कर रही परेशेन तो यहां कर सकते हैं उनकी शिकायत
पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए होती है। अगर यहीं पुलिस लोगों को परेशान करने लगे तो आप पुलिस के विजलेंस डिपार्टमेंट में इसकी शिकायत कर सकते हैं। इस विभाग में पुलिसकर्मियों के कार्यप्रणाली की जांच होती है। इस विभाग में आप पुलिसकर्मियों के रिश्वत लेने या ड्यूटी नहीं निभाने के लिए यहां शिकायत कर सकते हैं। जब पुलिस आपकी मदद नहीं कर रही हो या फिर आपको ही झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही हो तो आप इस विभाग में उन पुलिसकर्मियों की शिकायत कर सकते हैं। इस विभाग में राज्य सरकार या पुलिस अधिकारियों का हस्तक्षेप नहीं होता। शिकायत करने के लिए एक लिखित शिकायत पत्र देना होता है। जिसमें पीड़ित शख्स को बताना होगा कि उसे पुलिस द्वारा किस तरह से परेशान किया जा रहा है। अगर शिकायत सही निकलती है और पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई निश्चित होगी। हालांकि भारत के सभी राज्यों में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का गठन नहीं किया गया है। जबकि इसके लिए साल 2006 में ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे। जिन राज्यों में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी नहीं बनी है, उनमें पुलिस के सीनियर अधिकारियों को ही शिकायत की जाती है।
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