गुजरात विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को एक चर्चा के दौरान हंगामा करने और आसन के समक्ष पहुंचने को लेकर कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी को अध्यक्ष शंकर चौधरी के निर्देश पर सदन से निष्कासित कर दिया गया। विधानसभाध्यक्ष द्वारा मेवाणी को निष्कासित करने का आदेश दिये जाने के बाद मार्शल ने उन्हें बिना किसी बल प्रयोग के सदन से बाहर कर दिया गया। गुजरात पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की जब्ती पर एक चर्चा के दौरान मेवाणी खड़े हुए और सत्ता पक्ष पर चिल्लाने लगे और भाजपा सरकार को बलात्कार जैसे अन्य ‘ज्वलंत’ मुद्दों पर चर्चा की चुनौती दी।
सदन से निष्कासित हुए जिग्नेश मेवाणी
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मेवाणी सदन के बीचों-बीच पहुंच गए। उन्होंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को चुनौती दी कि वे राजकोट गेम जोन में आग, मोरबी पुल ढहने की घटना और वडोदरा में नाव पलटने जैसी त्रासदियों पर बहस की चुनौती दी जिसका टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हो। विधानसभाध्यक्ष द्वारा शिष्टाचार बनाए रखने के बार-बार अनुरोध किये जाने के बावजूद विधायक मेवाणी अपनी सीट के पास खड़े होकर चर्चा की मांग करते रहे और आसन के सामने पहुंच गए, जिसके कारण अध्यक्ष ने उन्हें निष्कासित कर दिया। मेवाणी के व्यवहार की निंदा करते हुए चौधरी ने कहा कि कांग्रेस विधायक ने इस तरह के कृत्य से संविधान का अनादर किया है।
मेवाणी का व्यवहार अस्वीकार्य
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रमनलाल वोरा, जीतू वाघानी और मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मेवाणी के व्यवहार को “अस्वीकार्य” करार दिया और कहा कि उनकी रुचि केवल प्रचार पाने में है। बाद में संघवी ने भाजपा विधायक भरत पटेल द्वारा मादक पदार्थों की जब्ती के बारे में उठाए गए “तत्काल सार्वजनिक महत्व के मामले” पर जवाद दिया। बाद में संघवी ने सदन को बताया कि पुलिस ने पिछले 15 दिनों में गुजरात के तटीय इलाकों से 850 करोड़ रुपये मूल्य का लावारिस मादक पदार्थ बरामद किया है। पिछले एक वर्ष में पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ व्यापार में संलिप्त 431 लोगों को गिरफ्तार किया है और 5,640 करोड़ रुपये मूल्य का मादक पदार्थ जब्त किया है।
(इनपुट-भाषा)