फर्जी खबरें और एल्गोरिदम, मीडिया के सामने डिजिटल प्लेटफॉर्म में हैं बड़ी चुनौतियां, अश्विनी वैष्णव ने जताई चिंता


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTO
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को न्यूज मीडिया के सामने आने वाली कई महत्वपूर्ण चुनौतियों पर जोर डाला। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बिग टेक से अधिक जवाबदेही और निष्पक्षता का आह्वान किया है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने फर्जी खबरें, एल्गोरिदम संबंघी कई चीजों पर चिंता जाहिर की है।

तेजी से फैलती हैं भ्रामक खबरें

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई जानकारी को सत्यापित नहीं करते हैं। इसके कारण सभी प्लेटफॉर्म पर झूठी और भ्रामक जानकारी तेजी से फैल जाती हैं। अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और बिग टेक से गलत सूचना का मुकाबला करने और लोकतंत्र की रक्षा करने का आह्वान किया।

फर्जी खबरें लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा

उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों का तेजी से फैलना न केवल मीडिया के लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि इससे विश्वास कम होता है बल्कि यह लोकतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा है। वैष्णव ने ‘सेफ हार्बर’ प्रावधान पर फिर से विचार करने का भी प्रस्ताव रखा है, जो मेटा, एक्स, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया बिचौलियों को उपयोगकर्ता-जनित सामग्री के लिए उत्तरदायित्व से बचाता है। केंद्रीय मंत्री ने तर्क दिया कि 1990 के दशक में विकसित यह प्रावधान अब डिजिटल मीडिया की व्यापक पहुंच और प्रभाव को देखते हुए उपयुक्त नहीं हो सकता है।

बरतनी होगी अतिरिक्त सावधानी

इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि हमारे समाज के साथ हमें पहले से और अधिक अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। हमारे देश में कई संवेदनशीलताएं हैं जो उन देशों में मौजूद नहीं हैं। जहां ये प्लेटफॉर्म उत्पन्न होते हैं। इसलिए यदि परिस्थितिया अलग हैं तो क्या प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग मापदंड नहीं होने चाहिए? क्या प्लेटफॉर्म पर अधिक जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए?

एल्गोरिदम सनसनखीज खबरों को देता है बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने चेतावनी दी कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को चलाने वाले एल्गोरिदम अक्सर ऐसी सामग्री को प्राथमिकता देते हैं, जो सनसनीखेज या विभाजनकारी स्टोरी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि यह गतिशीलता सामाजिक जोखिम उत्पन्न करती है। ऐसे समाधानों की आवश्यकता है जो नैतिक विचारों के साथ सहभागिता को संतुलित करें।

हो सकते हैं गंभीर परिणाम

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में गलत सूचना और इस तरह के एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह के गंभीर सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। हमने कई उदाहरणों में देखा है। मेरी राय में यह दृष्टिकोण हमारे समाज के लिए गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक है।

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *