MP: कांग्रेस नेताओं ने आत्महत्या करने वाले दंपति के बच्चों को 5 लाख रुपये से भरी गुल्लक दी


मनोज परमार के बच्चों...

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मनोज परमार के बच्चों से मिलने सीहोर जिले के आष्टा कस्बे पहुंचे कांग्रेस नेता।

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कुछ भाजपा सदस्यों पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद आत्महत्या करने वाले दंपति के बच्चों को कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को 5 लाख रुपये से भरी गुल्लक भेंट की। उन्होंने कहा कि यह कदम कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भावनाओं के अनुरूप उठाया गया है, जिन्हें इन बच्चों ने अपनी गुल्लक भेंट की थी, जब वह अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत राज्य के दौरे पर आए थे।

शिक्षा और अन्य जरूरतों की जिम्मेदारी उठाएगी कांग्रेस

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक और पार्टी के अन्य नेता दिवंगत व्यापारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के बच्चों से मिलने सीहोर जिले के आष्टा कस्बे पहुंचे और बच्चों को पांच लाख रुपये से भरी गुल्लक भेंट की। आष्टा कस्बे में पत्रकारों से बातचीत में वर्मा ने कहा, ‘‘राहुल गांधी की भावनाओं के अनुरूप कांग्रेस ने बच्चों को गुल्लक भेंट कर अपना कर्तव्य निभाया है और संकट और (पार्टी) दुख की इस घड़ी में उनका साथ देगी। हम उनकी शिक्षा और अन्य जरूरतों की जिम्मेदारी भी लेंगे।’’ 

 बता दें कि मनोज परमार उस समय सुर्खियों में आए थे जब कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उनके बच्चों की टीम ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी।

BJP पर लगाया राजनीति करने का आरोप

उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर बच्चों के प्रति सहानुभूति दिखाने के बजाय इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि दंपति के बच्चों ने राहुल गांधी की पदयात्रा के दौरान उन्हें अपना गुल्लक भेंट किया था और उन्हें प्यार से ‘‘गुल्लक टीम’’ कहा जाता था।

मनोज परमार ने पत्नी संग लगाई थी फांसी

13 दिसंबर की सुबह मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा आष्टा कस्बे में अपने घर में फंदे से लटके पाए गए थे। सोशल मीडिया पर सामने आए एक पत्र में मनोज परमार ने आरोप लगाया था कि ईडी और भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा था। परमार ने गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं से स्कूल जाने वाले उनके दो बच्चों की देखभाल करने का भी आग्रह किया था।

5 दिसंबर को ही मनोज परमार के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का छापा पड़ा था। ईडी की टीम ने उनकी कई चल-अचल और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। साथ ही साढ़े तीन लाख रुपये का बैंक बैलेंस भी फ्रीज किया था, इसके बाद से वे परेशान थे। 

यह सरकारी हत्याएं हैं- जीतू पटवारी

घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि यह आत्महत्या नहीं, हत्या है। यह सरकारी हत्याएं हैं। दो साल पहले इन पर सीबीआई केस हुआ था। अब ईडी आकर इन पर कार्रवाई कर रही थी। बच्चों ने मुझे बताया कि हमें बीजेपी ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया गया। यह ईडी के दुरुपयोग का सबसे बड़ा मामला है। इन मासूम बच्चों का गुनाह क्या है। परमार के तीन बच्चे हैं। क्या यही नया भारत है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

 





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