स्वास्थ्य सेवा उद्योग निकाय NATHEALTH ने सरकार से आगामी केंद्रीय बजट में बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिकित्सकीय विशेषज्ञों की भारी कमी, कैंसर के इलाज की बढ़ती लागत और अपर्याप्त हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी प्रणालीगत खामियों को दूर करने का आग्रह किया है। अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में एनएटीएएचएलटीएच ने हेल्थकेयर सेक्टर के लिए बजटीय आवंटन को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 प्रतिशत से अधिक करने की मांग की। साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संचारी तथा गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ को दूर करने का अनुरोध किया, जो दीर्घकालिक चुनौतियों से और भी जटिल हो गया है।
इन मुद्दों पर हो काम
एनएटीएएचएलटीएच के अध्यक्ष अभय सोई ने बयान में कहा,‘‘आगामी केन्द्रीय बजट चिकित्सकीय विशेषज्ञों की भारी कमी, कैंसर देखभाल की बढ़ती लागत और बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी प्रणालीगत कमियों को दूर करने का अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।’’मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सोई ने कहा,‘‘अस्पताल की क्षमता का विस्तार, व्यवहार्य प्रतिपूर्ति ढांचे, उपचार लागत में कमी, चिकित्सकीय शिक्षा को आगे बढ़ाना न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि ग्लोबल हेल्थकेयर लीडर के रूप में भारत की स्थिति को भी सुरक्षित करेगा। ये प्रयास सभी के लिए एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करेंगे।’’
सीमा शुल्क को घटाया जाए
उन्होंने कहा कि भारत का हेल्थकेयर सेक्टर एक निर्णायक चौराहे पर खड़ा है, जो जटिल चुनौतियां तथा परिवर्तनकारी अवसर दोनों प्रस्तुत कर रहा है। एनएटीएएचएलटीएच ने कहा कि कैंसर के इलाज की लागत को कम करने के लिए, एलआईएनएसीएस जैसे‘ऑन्कोलॉजी’विकिरण उपकरणों पर सीमा शुल्क को हटाने और जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करने की आवश्यकता है, ताकि वंचित क्षेत्रों में कैंसर उपचार क्षमता का विस्तार किया जा सके। स्वास्थ्य निकाय ने सरकार से स्वास्थ्य सेवा उपकर तथा तंबाकू व चीनी उत्पादों पर प्रस्तावित 35 प्रतिशत जीएसटी से प्राप्त आय को सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए आवंटित करने का भी सुझाव दिया।
(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)