प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सोमवार को भोपाल के राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में शुरू हुई दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन बड़ी संख्या में निवेश के प्रस्ताव मिले। देश समेत दुनियाभर के उद्योगपतियों ने भोपाल में जमकर निवेश करने का ऐलान किया है। इसमें 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ के इंटेशन-टू-इन्वेस्ट, एमओयू और निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। राज्य सरकार का मनना है कि निवेश प्रस्ताव से 13 लाख 43 हजार 468 नए रोजगार का सृजन होगा। बताते चलें कि अडानी ग्रुप ने रिन्यूएबल एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग सीमेंट माइनिंग और थर्मल के क्षेत्र में 2.10 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्री ने बायोफ्यूल बेस प्रोजेक्ट रिन्यूएबल एनर्जी में 60000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया। आइए एक नजर डालते हैं कि किस-किस सेक्टर में कितने नए जॉब निकलने की उम्मीद है।
सेक्टर | निवेश प्रस्ताव (करोड़ रुपये) | नए रोजगार के अवसर |
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा | 5,21,279 | 1,46,592 |
डी.आई.पी.आई.पी | 4,94,314 | 3,04,775 |
खनिज एवं संसाधन विभाग | 3,22,536 | 55,494 |
शहरी विकास और आवास | 1,97,597 | 2,31,376 |
ऊर्जा | 1,47,990 | 20,180 |
लोक निर्माण विभाग | 1,30,000 | – |
पर्यटन | 64,850 | 1,23,799 |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी | 64,174 | 1,83,144 |
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार | 43,326 | 51,027 |
एमएसएमई | 21,706 | 1,32,226 |
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण | 17,205 | 49,237 |
उच्च शिक्षा | 7,043 | 15,346 |
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण | 4,729 | 8,871 |
चिकित्सा, शिक्षा | 3,908 | 9,401 |
18 गुना बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता: CII
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 2047-48 तक 18 गुना बढ़कर 248.60 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। सीआईआई ने सुझाया है कि अपनी क्षमता का अहसास करने के लिए राज्य को विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहिए और औद्योगिक विस्तार को अपनी प्राथमिकताओं में रखना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 8.60 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ते हुए 2047-48 तक 248.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है जो फिलहाल 13.60 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकार को परिवहन अवसंरचना, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, हवाई माल परिवहन और विमानन संपर्क बढ़ाने सहित अवसंरचना विकास पर जोर देना चाहिए। इसके मुताबिक विशेष रूप से कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे अधिक रोजगार वाले क्षेत्रों के लिए कुशल कार्यबल की उपलब्धता को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। भूमि अधिग्रहण और पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना भी महत्वपूर्ण है।