तीन तलाक पर बनी निकाह देखी है? अब देखें मायरा सरीन की ‘रिवाज’, इस OTT प्लेटफॉर्म पर हो रही रिलीज


riwaj
Image Source : INSTAGRAM
तीन तलाक का दर्द बयां करती है रिवाज।

1982 में रिलीज हुई फिल्म ‘निकाह’ आपने देखी है? ये फिल्म तीन तलाक के मुद्दे पर आधारित थी। इस फिल्म का नाम पहले ‘तलाक तलाक तलाक’ रखा गया था, लेकिन बाद में उसे बदल दिया गया। बीआर चोपड़ा ने खुद इसके पीछे की वजह बताई थी। उन्होंने तब कहा था- ‘अगर किसी मुस्लिम शख्स ने पत्नी से बात करते वक्त इस फिल्म का नाम अपनी जुबां से लिया तो उसका तलाक हो जाएगा। ऐसे में  शरीयत के मुताबिक न जाने कितने ही लोगों का तलाक हो जाएगा।’ इसके बाद ही फिल्म का नाम निकाह रखा गया था। इस फिल्म में राज बब्बर, दीपक पाराशर और सलमा आगा लीड रोल में नजर आए थे। अब इस मुद्दे पर बनी एक और फिल्म दर्शकों के बीच दस्तक दे रही है। इस फिल्म का नाम है ‘रिवाज’, जो सिनेमाघरों में नहीं बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो रही है।

अलग अंदाज में दिखे आफताब शिवदसानी और मायरा सरीन

‘रिवाज’ में मिथुन चक्रवर्ती, आफताब शिवदासानी, मायरा सरीन, अनिता राज,  जाकिर हुसैन और जया प्रदा जैसे कलाकार लीड रोल में नजर आएंगे। अगर आप ‘रिवाज’ देखना चाहते हैं तो ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर इसका लुत्फ उठा सकते हैं। होली से पहले ये फिल्म जी5 पर रिलीज हो रही है। इस फिल्म में कभी अपनी चॉकलेटी हीरो वाली इमेज से लड़कियों के दिलों पर राज करने वाले आफताब शिवदसानी एकदम अलग अंदाज और किरदार में नजर आने वाले हैं।  वहीं मायरा सरीन भी फिल्म में लीड रोल में हैं। इसके अलावा मिथुन चक्रवर्ती और जया प्रदा जैसे दिग्गज कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा हैं।

रिवाज की स्टोरी लाइन

रिवाज की कहानी जैनब शेख की स्टोरी बयान करती है, जो तीन तलाक के पुराने कानून के विरुद्ध आवाज बुलंद करती है। जैनब शेख का किरदार मायरा सरीन ने निभाया है। वहीं आफताब शिवदसानी उनके पति के किरदार में हैं। इसके अलावा दिग्गज अभिनेता और 80 के दशक के सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती एक वकील की भूमिका में हैं। दिग्गज अदाकारा जया प्रदा भी इस फिल्म में बेहद अहम रोल में हैं। रिवाज तीन तलाक के विरुद्ध एक महिला की लड़ाई को दिखाती है और हार्ड हिटिंग है।

इन फिल्मों में भी दिखाई गई है तीन तलाक के दर्द की कहानी

इससे पहले 1982 में रिलीज हुई ‘निकाह’ और 1962 में आई ‘चौदहवीं का चांद’ जैसी क्लासिक फिल्मों में भी तीन तलाक के दर्द की कहानी बयां की जा चुकी है। 1962 में रिलीज हुई चौदहवीं का चांद लखनऊ की इस्लामिक संस्कृति पर आधारित थी, जिसमें गुरु दत्त और वहीदा रहमान लीड रोल में नजर आए थे। इसके अलावा मियां कल आना, कोड ब्लू और हलाल जैसी फिल्मों के जरिए भी ट्रिपल तलाक के दर्द को बयां करने की कोशिश की गई है।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *