UP Excise Policy: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत अब राज्य में ई-लॉटरी के जरिए ही शराब की सभी दुकानों का व्यवस्थापन किया जाएगा। प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बुधवार शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुए गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है।
एक आवेदक को नहीं मिलेंगी 2 से ज्यादा दुकानें
इस नीति में सबसे बड़ा फैसला ये लिया गया है कि इस साल ई-लॉटरी के जरिए प्रदेश की सभी देसी शराब की दुकानों, कंपोजिट दुकानों, मॉडल शॉप्स और भांग की दुकानों के व्यवस्थापन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉटरी सिस्टम में एक आवेदक को सिर्फ एक ही बार आवेदन करने का मौका मिलेगा और राज्य में एक आवेदक को 2 से ज्यादा दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी।
5 कैटेगरी में बांटी गई प्रोसेसिंग फीस
अग्रवाल ने बताया कि लॉटरी सिस्टम लागू किया जा रहा है, इसलिए प्रोसेसिंग फीस को भी 5 अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। पहली कैटेगरी में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर के नगर निगम एरिया और उनके चारों तरफ 3 किलोमीटर का एरिया शामिल होगा। प्रोसेसिंग फीस के तौर पर देसी शराब की दुकान के लिए 65 हजार रुपये, कंपोजिट दुकान के लिये 90 हजार रुपये, मॉडल शॉप्स के लिए 1 लाख रुपये और भांग की दुकान के लिए 25 हजार रुपये की फीस तय की गई है।
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