
दुनिया का सबसे खतरनाक जेल
दुनिया की सबसे खतरनाक जेल है अल सल्वाडोर की CECOT जेल, जो 23 हेक्टेयर में बनी है और राजधानी सैन साल्वाडोर से 70 किलोमीटर पूर्व में एक ग्रामीण क्षेत्र में अलग-थलग जगह पर है। फरवरी 2023 में, अल साल्वाडोर ने लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी जेल खोली, जिसमें 40,000 कैदियों को रखने की क्षमता है और इस जेल का नाम रखा गया- सेंटर फॉर टैररिज्म कनफाइनमेंट यानी सीकॉट। इस जेल को धरती का नर्क भी कहा जाता है, क्योंकि इस हाई सिक्योरिटी टैररिस्ट प्रिजन में जो एक बार गया, वो कभी बाहर नहीं आ सकता है।
रह सकते हैं 40 हजार कैदी
इस जेल में कैदियों की संख्या की बात करें तो मानवाधिकार संगठन क्रिस्टोसल ने बताया कि मार्च 2024 में अल साल्वाडोर में 1,10,000 कैदी सलाखों के पीछे थे। हालांकि इस जेल के भीतर कैदी कैसे रहते हैं, उनके साथ क्या होता है, ये किसी को पता नहीं चल पाता। इस जेल में कैदियों को एक साथ ठूंसकर रखा जाता है, उनके सिर मुंडे होते हैं और वे केवल शॉर्ट्स पहने होते हैं। जेल में ना कोई भी कैदी से मिल सकता है ना कैदी किसी तरह के मनोरंजन के लिए कोई क्रिया कलाप कर सकते हैं।
कैसा दिखता है जेल
मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर को दुनिया के सबसे हिंसक मुल्कों में गिना है। नब्बे के दशक में यहां इस देश में अपराध हत्या की घटनाएं और गैंग कल्चर इतना बढ़ गया कि इसके आगे यहां की सरकार भी लाचार थी। सरेआम सड़कों पर हत्याएं और लूटपाट की दर सबसे ज्यादा थी और रोज औसतन 18 लोग मारे जाते थे।
साल 2019 में इस देश में बुकेले की सरकार बनी और राष्ट्रपति बनने से पहले ही उन्होंने अपराध को खत्म करने का वादा किया। साल 2022 में बुकेले ने पूरे देश में इमरजेंसी लगा दी। पुलिस और सेना को बिना किसी वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने की छूट मिल गई और देखते ही देखते कुछ ही वक्त में 70 से 80 हजार लोग गिरफ्तार किए गए। लेकिन अब सरकार के सामने समस्या आई कि इतने कैदियों को कहां रखा जाए। जेलों में पहले से ही कैदी भरे पड़े थे। तब बुकेले ने नई जेल बनाने का फैसला किया और बन गया सेंटर फॉर टैररिज्म कनफाइनमेंट यानी सीकॉट।
इस जेल की जरूरत
सीएनएन की रिपोर्ट बताती है कि इस जेल में लगभग 40000 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन भीतर के हालात बद से बदतर हैं। जेल में कैदियों के लिए कोई बिस्तर नहीं, बल्कि मेटल के बंक बेड्स होते हैं।मौसम चाहे कितना ठंडा हो, उन्हें बिना कंबल के वहीं सोना होता है और कैदियों के सेल में चौबीसों घंटे रोशनी होती है। इस जेल में खूंखार आतंकी और बड़े अपराधी रखे जाते हैं, उनसे कोई काम भी नहीं करवाया जाता। कैदियों को सेल से केवल आधे घंटे के लिए बाहर निकाला जाता है, जहां वे बाइबल पढ़ते हैं।
कैसा है खतरनाक जेल
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, साल्वाडोर के लीडर बुकेले ने अमेरिका को प्रस्ताव दिया कि उनकी जेल को वे अपने कैदियों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। उनका आइडिया ट्रंप को पसंद आया और एक करार के तहत अमेरिकी सरकार साल्वाडोर को 6 मिलियन डॉलर देगी।
यह जेल कई तरह की विवादो में भी आ गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अल साल्वाडोर की पूर्व पुलिस महानिरीक्षक और क्रिस्टोसल की क़ानूनी प्रमुख हैं ज़ायरा नवास कहती हैं, “सीकॉट की स्थितियां, अमानवीय और अपमानजनक हो सकती हैं क्योंकि उस जेल तक किसी की पहुंच नहीं है। उन्होंने बताया कि कोई वकील, कोई लोकपाल, यहां तक कि अंदर की स्थितियों के बारे में पुष्टि के लिए मीडिया भी अंदर जा नहीं कर सकता।”
दुनिया का सबसे खतरनाक जेल
वहीं अल साल्वाडोर में मानवाधिकार के मुद्दे पर काम करने वाले एनजीओ क्रिस्टोसल की मई में एक रिपोर्ट के मुताबिक इस अभियान के पहले साल में ही देश भर की अन्य जेलों में यातना, पिटाई या स्वास्थ्य देखभाल की कमी से दर्जनों क़ैदियों की मौत हो गई। सरकार ने रिपोर्ट पर सार्वजनिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ये जाली वाली बाड़ों के दो सेट हैं जो पूरी तरह से विद्युतीकृत हैं. इसके अलावा दो कंक्रीट दीवारें जेल की चारों ओर हैं। बाहरी दीवार की परिधि 2.1 किमी (1.3 मील) है जबकि वहां निगरानी करने के लिए 19 टावर हैं। इसमें आठ खंड बने हुए हैं, प्रत्येक में 32 कोठरियां हैं.जेल का परिसर क़रीब 23 हेक्टेयर (57 एकड़) में फैला हुआ है।
जेल के अंदर क़ैदियों को कैसे खाना दिया जाता है या उनकी देखभाल कैसे की जाती है, इसके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। रसोई, भोजन कक्ष, दुकान या अस्पताल जैसी सुविधाओं की कोई जानकारी या तस्वीरें साझा नहीं की गई हैं।
क्यों खास है ये जेल
यहां पूरे साल काफ़ी गर्मी और नमी रहती है, लेकिन इन कोठरियों में ना तो कोई खिड़की है, ना ही पंखे और एयरकंडीशनर.प्रत्येक कोठरी में कैदियों के कपड़े धोने के लिए दो वाश बेसिन लगे हुए हैं। वहीं खुले में दो शौचालय भी हैं। जेल की कोठरियां हीरे के आकार की बनी जालियां हैं, जालियों से सुरक्षा गार्ड कैदियों पर निगरानी रखते हैं। जालियां ठोस धातु की बनी हैं ताकि कोई कै़दी उससे झूल नहीं सकें। कैदियों के सोने की जगह मेटल प्लेट है, इस पर बिछाने के लिए कुछ नहीं मिलता।
साल 2025 के मई में राष्ट्रपति बुकेले की एक टिप्पणी आई, जिसमें उन्होंने ट्वीट किया, “मानवाधिकार को लेकर काम करने वाले सभी एनजीओ को बता दें कि हम इन ख़ूनी हत्यारों और उनके सहयोगियों का सफ़ाया करने जा रहे हैं, हम उन्हें जेल में डाल देंगे और वे कभी बाहर नहीं निकलेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र की प्रताड़ना निवारण उपसमिति के पूर्व सदस्य मिगुएल सर्रे ने बीबीसी को बताया,”यह जेल कंक्रीट और स्टील का एक गड्ढा है जहां मौत की सजा दिए बिना बिना लोगों को निपटाने की कोशिश की जाती है।” अधिकारियों का कहना है कि सीकॉट के पास अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था है – प्रवेश करने के लिए स्कैनिंग सिस्टम, एक विशाल निगरानी नेटवर्क के अलावा यहां अत्याधुनिक हथियारों का काम भी है।