
बच्चे को आवारा कुत्ते ने काटा था
अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 3 साल के बच्चे की कुत्ते के काटने के 45 दिन बाद मौत हो गई। बच्चे को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था। उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि ये छोटी सी घटना इतना बड़ा दर्द बनकर सामने आएगी।
लापरवाही में गई बच्चे की जान
मामला अलीगढ़ जिले के छर्रा थाना इलाके के नत्थू गांव का है। परिजनों ने शुरुआत में इसे गंभीरता से नहीं लिया लेकिन जब इस घटना का असर सामने आया तो हड़कंप मच गया। बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी। हालात खराब होने पर परिवार उसे लेकर अस्पताल भी गया लेकिन डॉक्टरों ने रेबीज का संदेह जताया।
बाद में पता चला कि कुत्ते के काटने के 20 दिन बाद अंशु को एंटी-रेबीज का इंजेक्शन दिया गया था, जबकि यह 48 घंटे के भीतर देना जरूरी था। 11 अप्रैल 2025 को अंशु ने आखिरी सांस ली, और एक परिवार का सुख-चैन हमेशा के लिए छिन गया।
यह घटना सिर्फ एक बच्चे की मौत की कहानी नहीं है बल्कि लापरवाही का जीता-जागता सबूत है। गांवों और शहरों में आवारा कुत्तों की तादाद बढ़ रही है लेकिन सरकार और आम लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
जब ये घटना घट गई है तो लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कब तक मासूमों की जान यूं ही जाती रहेगी? क्या एक बच्चे की हंसी छीनने के बाद ही हमारी आंखें खुलेंगी?
खबर ये भी सामने आई कि जिस कुत्ते ने अंशु पर हमला किया, उसी कुत्ते ने उस दिन 10 और बच्चों पर भी अटैक किया था। इन बच्चों ने भी कोई उपचार नहीं लिया। लेकिन अंशु को मौत से पहले हाइड्रोफोबिया के लक्षण दिखाई दिए, जिसके बाद उसके परिजनों ने इस मामले को गंभीर समझा।
सीएमओ का बयान आया सामने
अलीगढ़ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ नीरज त्यागी ने बताया, ‘हमने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और एंटी-रेबीज टीका लगाने जैसे सभी निवारक कदमों के लिए अभियान चलाया जा रहा है।’ सीएमओ ने ये भी कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि अंशु की मौत रेबीज की वजह से ही हुई है। सीएमओ ने बताया कि घटना के बाद कुत्ते को मार दिया गया, इस वजह से कुत्ते पर परीक्षण नहीं किया जा सका। (इनपुट: भाषा)