
मौसमी चटर्जी
मौसमी चटर्जी 1970 के दशक में हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती थीं। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल की एक मशहूर अभिनेत्री हैं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बंगाली हिट, ‘बालिका बधू’ (1967) से की जिसे तरुण मजूमदार ने निर्देशित किया था जब वह 16 की थीं। उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘अनुराग’ (1972) थी। इस फिल्म में उनका किरदार सभी को बहुत पसंद आया और उन्हें अभिनय में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में फिल्मफेयर नामांकन मिला। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ पिक्चर के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। एक्ट्रेस को इसके बाद एक और बड़ी हिट फिल्म मिली, जहां उन्होंने मनोज कुमार की ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974) में बलात्कार पीड़िता की भूमिका निभाईं। इसे बाद वह ‘हमशक्ल’, ‘भोला भाला’, ‘प्रेम बंधन’, ‘घर परिवार’, ‘आ अब लौट चलें’ में सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ साथ स्क्रीन पर छा गईं। एक्ट्रेस का जन्म 26 अप्रैल, 1948 को कोलकाता में हुआ था। मौसमी ने शादी के बाद फिल्मों में अपना करियर बनाया।
शादी के बाद बनीं हिंदी सिनेमा की सबसे महंगी एक्ट्रेस
जब वे 10वीं क्लास में पढ़ती थी तभी उनकी शादी हो गई थी। शादी के बाद उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में अपनी पहचान बनाई। वह अपने फिल्मी करियर में राजेश खन्ना, शशि कपूर, जीतेंद्र, संजीव कुमार, विनोद मेहरा और अमिताभ बच्चन जैसे बेहतरीन कलाकारों के साथ काम भी काम कर चुकी हैं। उन्होंने थ्रिलर ‘बेनाम’ (1974) और बासु चटर्जी की फिल्म मंजिल (1979) में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। उन्होंने ज्यादातर हिंदी और बंगाली हिट फिल्में कीं। मौसमी की निजी जिंदगी ने उन्हें उनके करियर की शुरुआत से ही गॉसिप कॉलम में रखा है। उन्होंने दिग्गज संगीतकार और गायक हेमंत मुखर्जी के बेटे, निर्माता जयंत मुखर्जी से कम उम्र में शादी कर ली। उनकी दो बेटियां हैं, पायल और मेघा। उन्होंने शादी के बाद हिंदी फिल्मों में काम किया जो उस समय इतना आसान नहीं था क्योंकि शादी से पहले फिल्मों में काम करना और शादी के बाद फिल्में छोड़ देना रिवाज था।
बेटी का आखिरी बार चेहरा देखना भी नहीं हुआ नसीब
अपने उम्दा अभिनय के लिए याद की जाने वाली मौसमी चटर्जी को तब झटका लगा जब उनकी बेटी पायल सिन्हा का 2019 में निधन हो गया। 44 वर्षीय पायल ने जुवेनाइल डायबिटीज से जूझ रही थीं। अप्रैल 2018 में वे कोमा में चली गईं तो पति डिकी उन्हें अपने घर ले आए थे। इसके कुछ महीने बाद पायल के पैरेंट्स मौसमी और जयंत मुखर्जी ने दामाद पर बेटी की देखभाल ठीक से न करने का आरोप लगाया था। बेटी के गुजर जाने के बाद काफी समय तक एक्ट्रेस डिप्रेशन में थीं। लहरें रेट्रो’ को दिए अपने इंटरव्यू में मौसमी चटर्जी ने बताया था है कि आखिर एक वक्त में क्यों वो अपनी बेटी की मौत के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थीं।