
बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात करते हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के साथ ही भारी बारिश और आपदा ने तबाही मचा दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बताया कि मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 69 लोगों की जान जा चुकी है, 37 लोग लापता हैं, और 110 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, राज्य में करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बरसात शुरू होने के बाद से सड़कों, पानी की परियोजनाओं, बिजली की तारों और खंभों को भारी नुकसान हुआ है। बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।’
’14 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं’
सुक्खू ने बताया कि इस साल मानसून की शुरुआत में ही हिमाचल में भारी तबाही देखने को मिली है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस संबंध में बात की, जिन्होंने राज्य को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया, ‘आज गृह मंत्री से मेरी बात हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमें पूरी मदद देगी। नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीम भी आज हिमाचल पहुंच रही है।’ मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में 14 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अध्ययन कर रहे हैं कि बादल फटने की घटनाएं इतनी ज्यादा क्यों हो रही हैं।’
‘हिमाचल प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है’
सीएम ने जानकारी दी कि शिमला के एक हॉर्टिकल्चर कॉलेज में फंसे 92 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। आपदा से प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हमने फैसला लिया है कि जिन परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए 5,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।’ उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रिमंडल के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की इस तबाही ने प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती पेश की है।