रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर है। इस साल जून के महीने में देश में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत पर स्थिर रही है। यानी लोगों को नई नौकरी मिली। सीडब्ल्यूएस, के सर्वे के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बेरोजगारी दर में कमी आई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में पहली बार मासिक आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (PLFS) जारी किया था। इसके जरिये देश में नौकरियों के लिए पात्र लोगों में बेरोजगार लोगों के अनुपात की वास्तविक समय में निगरानी की कोशिश की गई है।
शहरी क्षेत्रों में बढ़ी बेरोजगारी
CWS आंकड़ों के अनुसार, मई और जून 2025 के दौरान सभी आयु वर्ग के लिए देश की कुल बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत पर स्थिर बनी रही, जो अप्रैल 2025 के 5.1 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा अधिक है। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए जून में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर पर 5.6 प्रतिशत रही। खासतौर पर महिलाओं में यह दर मई के 5.8 प्रतिशत से घटकर जून में 5.6 प्रतिशत हो गई। हालांकि, युवाओं (15–29 आयु वर्ग) के बीच बेरोजगारी में हल्का इजाफा देखने को मिला, जहां जून में यह दर बढ़कर 15.3 प्रतिशत पहुंच गई, जबकि मई में यह 15 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर जून में बढ़कर 18.8 प्रतिशत हो गई, जो मई में 17.9 प्रतिशत थी।
कृषि में महिला श्रमिकों की हिस्सेदारी घटी
रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिला श्रमिकों की हिस्सेदारी जून 2025 में मामूली रूप से घटकर 69.8 प्रतिशत रह गई, जबकि मई में यह 70.2 प्रतिशत थी। यह गिरावट दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं कृषि के अलावा अन्य क्षेत्रों की ओर धीरे-धीरे रुख कर रही हैं। इस रिपोर्ट में श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) को भी रेखांकित किया गया है, जो कुल जनसंख्या में कार्यरत व्यक्तियों के अनुपात को दर्शाता है।
शहरी पुरुषों में बेरोजगारी बढ़ी
शहरी पुरुषों में बेरोजगारी दर 15.8% से बढ़कर 16.6% हो गई, जबकि ग्रामीण पुरुषों में यह 14% से घटकर 13.8% हो गई। श्रमबल भागीदारी दर (LFPR) यानी काम की तलाश कर रहे या कार्यरत व्यक्तियों का अनुपात, जून 2025 में घटकर 54.2% रह गया, जो मई में 54.8% था। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 56.1% रही। शहरी क्षेत्रों में 50.4% रही।