
सीएम फडणवीस ने कर दिया बड़ा ऐलान।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को विधान परिषद में बड़ा बयान जारी किया है। सीएम ने कहा है कि राज्य में अगर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति ने अनुसूचित जाति (SC) का सर्टिफिकेट हासिल किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही फडणवीस ने कहा है कि अगर किसी अन्य ने सर्टिफिकेट हासिल कर के सरकारी नौकरियों जैसे आरक्षण का लाभ लिया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। आइए जानते हैं कि सीएम फडणवीस ने इस बारे में और क्या कुछ बताया है।
चुनाव भी हो जाएगा रद्द
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को ये भी जानकारी दी है कि अगर किसी व्यक्ति ने एससी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर के चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। भाजपा के नेता अमित गोरखे ने दावा किया है कि ‘पहचान छिपाने वाले ईसाई’ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं और लोग अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाते हैं। ऊपरी तौर पर ये लोग अनुसूचित जाति से होते हैं लेकिन गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं।
गरीबों का धर्मांतरण किया जाता है- फडणवीस
गुरुवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में देवेंद्र फडणवीस ने इस बात को स्वीकार किया कि धर्मांतरण की घटनाएं होती रहती हैं। फडणवीस ने कहा- “26 नवंबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि केवल हिंदू, बौद्ध और सिख ही अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं। अन्य धर्मों के लोग इसका लाभ नहीं उठा सकते। यदि किसी का जबरन या धोखे से धर्मांतरण किया जाता है, तो यह संविधान और कानून को स्वीकार्य नहीं है, यह एक गलत कृत्य है। यदि प्रलोभन देकर या लालच दिखाकर धर्मांतरण किया जाता है, तो यह स्वीकार्य नहीं है। यह सच है कि गरीब लोगों का धर्मांतरण किया जाता है।”
धर्मांतरण के खिलाफ कड़े कानून लाने पर विचार
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में जानकारी दी है कि राज्य में धोखाधड़ी और दबाव से धर्मांतरण की घटनाएं देखी गई हैं। जिन संस्थाओं से धर्मांतरण के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं, उनकी जांच की जाएगी और निश्चित कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जबरन या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है। इस बारे में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा। फडणवीस ने बताया है कि पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी को धोखाधड़ी या बलपूर्वक किए गए ऐसे धर्मांतरण के विरुद्ध कानून को और कठोर बनाने के लिए सुझाव देने को कहा गया है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी है। यह रिपोर्ट हाल ही में राज्य सरकार को मिली है। राज्य सरकार इसका अध्ययन करेगी और कानून में जरूरी बदलाव करेगी। (इनपुट: भाषा)
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