
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा
कोरोना काल के बाद से दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं कुछ ज्यादा ही सामने आईं हैं। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि कोविड टीकाकरण का दिल का दौरा पड़ने के जोखिम पर प्रभाव नहीं पड़ा है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल का दौरा पड़ने के मामलों से संबंधित आंकड़े केंद्रीय स्तर पर नहीं रखे जाते हैं।
ICMR-NIE ने किया है इस पर अध्ययन
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के कारणों को समझने के लिए, आईसीएमआर-राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (ICMR-NIE) ने देशभर के 25 अस्पतालों में एक अध्ययन किया है।
अक्टूबर 2021 और जनवरी 2023 के बीच हुई अध्ययन
लोकसभा में बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि ये मामले 18 से 45 वर्ष की आयु के उन रोगियों के थे, जिन्हें अक्टूबर 2021 और जनवरी 2023 के बीच अध्ययन में शामिल किए गए अस्पतालों में ‘एक्यूट मायोकार्डियल इन्फार्क्शन’ (AMI) के साथ भर्ती कराया गया था।
18 से 45 साल के आयु के रोगियों को किया गया शामिल
एएमआई को आमतौर पर दिल का दौरा कहा जाता है। यह स्थिति उस वक्त उत्पन्न होती है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह काफी कम हो जाता है या पूरी तरह से ब्लॉक हो जाता है। निगरानी किए गए समूह में 18 से 45 साल की आयु के वे रोगी शामिल थे, जिन्हें अन्य कारणों से उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कोविड टीकाकरण का एएमआई के जोखिम पभाव नहीं
अध्ययन (अब तक प्रकाशित नहीं) के प्रमुख निष्कर्षों को साझा करते हुए, नड्डा ने कहा कि एएमआई के साथ अस्पताल में भर्ती होना पहले से किसी रोग से पीड़ित होने, रक्त वाहिका में रक्त के थक्के जमने का पारिवारिक इतिहास और धूम्रपान करने से जुड़ा था। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का एएमआई के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।