भारत-चीन संबंधों में नई गर्मजोशी का गवाह बना बीजिंग, स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए 2 चीनी मंत्री


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भारत और चीन के रिश्ते बेहतरी की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं।

बीजिंग: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बीजिंग में आयोजित एक शानदार समारोह में 2 सीनियर चीनी मंत्रियों की मौजूदगी ने दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों का संदेश दिया। यह समारोह कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में लंबे समय तक चले गतिरोध के बाद पहली बार आयोजित किया गया। इस मौके पर चीनी विदेश मंत्रालय के उप-मंत्री मियाओ देयु और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग की उप-मंत्री सुन हाइयान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं।

समारोह में दिखा जबरदस्त उत्साह

भारतीय दूतावास में आयोजित इस रंगारंग समारोह में भारतीय समुदाय के कई लोग शामिल हुए। भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने तिरंगा फहराया और भारत-चीन संबंधों की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे दोनों देशों के लोगों ने मानव इतिहास को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम शांति और तरक्की को बढ़ावा दें। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत और चीन के रिश्ते स्थिरता और संतुलन का एक मजबूत आधार हैं। दोनों देशों को आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के आधार पर संतुलित संबंध बनाए रखने की जरूरत है।’

चीनी मंत्री का सकारात्मक संदेश

उप-मंत्री सुन हाइयान ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते इस समय बेहतरी और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी अहम सहमति को लागू करने, आपसी भरोसे को मजबूत करने, आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है। हम स्वस्थ और स्थिर रिश्तों को बढ़ावा देना चाहते हैं।’ सुन ने यह भी जोड़ा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी भारत के सभी राजनीतिक दलों के साथ आदान-प्रदान और बातचीत को मजबूत करना चाहती है।

क्यों खास माना जा रहा यह आयोजन?

यह आयोजन इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे की संभावना है। वह 31 अगस्त से शुरू होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए तियानजिन जा सकते हैं। इस दौरे से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। वहीं, समारोह से पहले एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने दावा किया था कि उप-मंत्री सुन हाइयान को चीनी अधिकारियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि, उनकी समारोह में मौजूदगी ने इस खबर को पूरी तरह गलत साबित कर दिया।

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