
प्रशांत किशोर
हसनपुर: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर तंज कसते हुए कहा है कि उनकी ‘पदयात्रा’ ने इन नेताओं को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि जन सुराज के बढ़ते प्रभाव का ही नतीजा है कि पिछले 20 साल से 400 रुपये मिल रही पेंशन अब बढ़कर 1100 रुपये हो गई है और रसोइयों का वेतन भी दोगुना हो गया है। आशा का मानदेय बढ़ गया और बिजली 125 यूनिट फ्री हो गया।
“जन सुराज का डर है”
उनहोंने कहा कि जन सुराज का डर है। सारे नेता पैदल-पैदल घूमेंगे। जनता के पास हाथ जोड़कर वोट मांगने जाएंगे, नहीं तो अब तक कहते थे कि ये जाएंगे कहां? बीजेपी और नीतीश वाले लोग लालू का डर दिखाकर वोट लेते थे। वैसे ही राहुल गांधी और तेजस्वी यादव वाले लोग भाजपा का डर दिखाकर वोट लेते थे।
पीके ने कहा कि अब जनता का डर खत्म हो गया है। जनता के पास एक नया विक्लप आ गया है। ये जनता के विकल्प की ताकत है कि नेता रोड पर घूम रहे हैं, और जनता बैठकर मूल्यांकन कर रही है कि किसे वोट देना है और किसे नहीं?
सासाराम से “वोटर आधिकार यात्रा” शुरू
बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कथित वोट चोरी के खिलाफ बिहार के सासाराम से “वोटर आधिकार यात्रा” शुरू की और इस मौके पर आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के जरिए बिहार में चुनाव चोरी करने की साजिश की जा रही है, लेकिन विपक्ष इसे सफल नहीं होने देगा। उन्होंने यह दावा भी किया कि अब सबको पता चल गया है कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर पूरे देश में वोट की चोरी कर रहा है।
यात्रा की शुरुआत से पहले सासाराम के बिआडा मैदान में ‘इंडिया’ गठबंधन (महागठबंधन) के नेताओं की एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी और महागठबंधन के कई अन्य नेता शामिल हुए।
राहुल गांधी ने कहा कि यह संविधान को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा संविधान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ने का फिर से हवाला दिया और दावा किया कि सारे नए मतदाताओं के वोट भाजपा को मिले।
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