
रोहिणी आचार्या
पटना: तेजस्वी को अपनी सियासी विरासत सौंप राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद खुद को सारी चिंताओं से मुक्त कर अपने एक लक्ष्य की ओर चल पड़े थे कि किसी तरह से तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएं। लेकिन तेज प्रताप को पार्टी से बाहर करने और फिर अब रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट से लालू परिवार के अंदर का मतभेद खुलकर सामने आ गया है। यह इस बात का संकेत है कि लालू परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अंदर-अंदर कुछ खिचड़ी पक रही है जिसका असर पार्टी के राजनीतिक भविष्य पर भी पड़ सकता है। हालांकि रोहिणी आचार्या ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर मौजूदा मतभेदों पर पर्दा ढकने की कोशिश की है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि उनके लिए अपना आत्म-सम्मान, माता-पिता के प्रति सम्मान व् समर्पण , और परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है। रोहिणी ने साफ किया कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वकांक्षा नहीं रही है।
रोहिणी ने फेसबुक पर लिखा, “मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड-मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और ना ही आगे रहेगी, न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है, ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है, न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है, न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान, मेरे माता-पिता के प्रति सम्मान व् समर्पण, मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है।”
रोहिणी आचार्या का फेसबुक पोस्ट
इससे पहले शनिवार को छपरा के गरखा विधानसभा क्षेत्र में रोहिणी आचार्य के समर्थन में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव, शक्ति यादव की गाड़ी के सामने लगाए रोहिणी आचार्य जिंदाबाद के नारे लगाए। दरअसल, तेज प्रताप इस साल की शुरुआत में लालू प्रसाद द्वारा पार्टी से निष्कासन के बाद से ही नाराज हैं। वहीं, राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाली आचार्य ने पिछले कुछ दिनों में कई रहस्यमय ट्वीट कर लोगों को हैरान कर दिया है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर रोहिणी ने क्या लिखा था?
इससे पहले शुक्रवार को रोहिणी आचार्य ने अपने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने बेटी और बहन के रूप में अपना कर्तव्य निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। न तो मैं किसी पद की लालसा रखती हूं और न ही मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए आत्मसम्मान सर्वोपरि है।’’ एक और पोस्ट में, उन्होंने वह वीडियो साझा किया जो 2022 में उनके पिता की जान बचाने वाली सर्जरी के लिए उन्हें ऑपरेशन थियेटर ले जाते समय शूट किया गया था। उन्होंने लिखा, ‘‘जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं , बेखौफी – बेबाकी – खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है।’’
मेडिकल ग्रेजुएट रोहिणी आचार्य ने गृहिणी हैं और सिंगापुर में अपने पति के साथ रहती थी। वह पहली बार 2022 में सुर्खियों में आईं, जब उन्होंने अपने पिता को गुर्दा दान किया। पिछले वर्ष उन्होंने सारण लोकसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहीं। इसके बाद कुछ समय तक राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के बाद, पिछले महीने वह फिर से सार्वजनिक मंच पर नजर आईं जब उन्होंने तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में हिस्सा लिया।
रोहिणी के समर्थन में उतरे तेज प्रताप
कयास लगाए जा रहे थे कि आचार्य आगामी विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकती हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव से उन्हें कोई खास समर्थन नहीं मिला। इस बीच, तेज प्रताप ने अपनी बहन के समर्थन में खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘‘रोहिणी मुझसे बहुत बड़ी हैं। बचपन में मैंने उनकी गोद में खेला है। जो बलिदान उन्होंने दिया, वह किसी भी बेटी, बहन और मां के लिए कठिन है। उन्होंने जो पीड़ा व्यक्त की है, वह जायज है।’’ पूर्व मंत्री और भगवान कृष्ण के भक्त तेज प्रताप ने अपने अंदाज में कहा, ‘‘मैं इस पूरे प्रकरण में अपनी बहन के साथ हूं। जो भी उनका अपमान करेगा, उसे सुदर्शन चक्र का सामना करना होगा।’’