
CDS जनरल अनिल चौहान।
केंद्र सरकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ा दिया है। सरकार ने उनके सेवा विस्तार को 30 मई 2026 तक या अगले आदेश तक, मंजूरी दे दी है। 1981 में कमीशन प्राप्त जनरल चौहान का प्रमुख कमांड और स्टाफ नियुक्तियों के साथ एक विशिष्ट करियर रहा है। अनिल चौहान को राष्ट्र की सेवा के लिए समय-समय पर परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया हैं। वे 30 सितंबर 2022 से सीडीएस के रूप में कार्यरत हैं।
65 साल की उम्र तक पद पर बने रहेंगे
बता दें कि मई 2026 तक जनरल चौहान की उम्र 65 साल होगी। जनरल चौहान 65 साल की आयु तक पद पर बने रहेंगे, क्योंकि सेवा नियमों के हिसाब से यही अधिकतम आयु सीमा है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत सैन्य नेतृत्व को एकजुट करने और ज्वाइंट कमांड स्ट्रक्चर पर काम कर रहा है। इस विस्तार से सैन्य नेतृत्व में स्थिरता और निरंतरता बनी रहेगी।
जानिए, अनिल चौहान के बारे में
अनिल चौहान मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में उग्रवाद में बड़ी कमी आई थी जिसके फलस्वरूप कई पूर्वोत्तर राज्यों में सेना की तैनाती में भी कमी आई। चौहान को उग्रवाद के खिलाफ अभियानों का खासा अनुभव है। वह सेना में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वह अंगोला में संयुक्त राष्ट्र शांतिवाहिनी मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं।
कई मेडल से सम्मानित हैं अनिल चौहान
बतौर डीजीएमओ वह ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे जिसके तहत भारतीय और म्यांमार सेना ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध समन्वित अभियान चलाया। चौहान बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे। इसके साथ ही पूर्वी कमान ने उनके नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना साहस दिखाया था।
यह भी पढ़ें-
पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी बड़ी खबर, 26 लोगों की हत्या में आतंकियों की मदद करने वाला गिरफ्तार