
यूपी एटीएस ने 4 कट्टरपंथियों को दबोचा।
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते यानी ATS ने चार कट्टरपंथी लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये चारों कट्टरपंथी पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित होकर भारत मे शरिया कानून लागू कराने की कोशिश में थे। इसके लिए ये जगह-जगह मीटिंग कर रहे थे। ये सभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे और लोगों को ऑडियो चैट्स और वीडियो भेजकर उकसा रहे थे। ATS की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ये आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए फण्ड जमा कर रहे थे। ये लोग गैर मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों को टारगेट करने की योजना बना रहे थे।
टारगेट किलिंग की थी योजना
यूपी ATS ने बताया- “आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) उत्तर प्रदेश को सूचना प्राप्त हुई थी कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के रहने वाले कुछ लोगों द्वारा कट्टरपंथी पाकिस्तानी संगठनो से प्रभावित होकर भारत में हिंसात्मक जिहाद के माध्यम से चुनी गयी लोकतान्त्रिक सरकार को गिराकर, हथियारों के बल पर शरिया कानून लागू करने की योजना बनाई जा रही है। अपने इन मंसूबो को पूरा करने के लिए यह लोग भिन्न-भिन्न स्थानों पर मीटिंग कर रहे हैं और विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप्स मे जुड़कर सक्रिय हैं। उनके द्वारा ऑडियो चैट व वीडियो भेजकर लोगो को उकसाया जा रहा है व आतंकी कार्यवाही को अंजाम देने के लिए हथियारो और अन्य चीजों के इन्तजाम के लिए धन एकत्रित किया जा रहा है। साथ ही साथ इन ग्रुप्स मे गैर मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों की निकट भविष्य में टार्गेट किलिंग की गंभीर योजना बनाई जा रही है।”
पकड़े गए आरोपियों की पहचान आई सामने
यूपी ATS ने बताया- “एटीएस के द्वारा दिनांक 29.09.2025 को धारा-148/152 बीएनएस थाना-एटीएस, लखनऊ में पंजीकृत किया गया और अकमल रजा (निवासी- सुल्तानपुर), सफील सलमानी (निवासी रॉबर्ट्सगंज सोनभद्र), मो० तौसीफ (निवासी-63ए, सुजातगंज, नई बस्ती, घाटमपुर, कानपुर), व कासिम अली, (निवासी-सराय कदीम, थाना-खजुरिया, रामपुर) के हिंसात्मक जिहाद के माध्यम से लोकतान्त्रिक सरकार को हटाने, शरिया लागू करने, हथियार खरीदने व मुजाहिद्दीन आर्मी बनाने आदि के संबंध में गिरफ्तार किया गया।”
पूछताछ में क्या पता लगा?
यूपी ATS ने बताया- “गिरफ्तार अभियुक्तगण ने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि ये लोग मुसलमानों पर जुल्मों और ज्यादितियों के लिए काफिरों के खिलाफ जंग-ए-जिहाद करने और शरिया कानून लागू करने की योजना बना रहे थे। इसके लिए ये लोग समान मानसिकता वाले लोगों को रेडिकलाइज्ड करके जोड़ रहे थे और अपनी कट्टर धार्मिक मानसिकता के चलते वो कई लोगों को चिन्हित कर उनके खात्मे के लिए आतंकी कार्यों की योजना बना रहे थे। अपने इन कार्यों के लिए वो कई हिंसात्मक जिहादी साहित्यों का संकलन, लेखन और उनके प्रचारित प्रसारित करने का कार्य कर रहे थे और इस काम के लिए ये लोग अपना एक हिंसात्मक ग्रुप बना रहे थे जिसके लिए ये लोग पुरजोर प्रयासरत थे।”
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