
बाबा रामदेव से जानें थायराइड से बचाव के उपचार
पानी हमारे लिए कितना जरूरी है ये बात तो हम सभी लोग जानते हैं। पानी तो एक ही है पर उसे कैसे और किस बर्तन में पिया जाए ये जानना जरूरी है। क्योंकि यही आपकी सेहत की हकीकत बदल सकता है। सही पानी, सही बर्तन में यानि सही आदत आपके शरीर को भीतर से बैलेंस करती है। आयुर्वेद में तो इसे वात, पित्त और कफ यानि ‘त्रिदोष’ बैलेंस करने का एक नेचुरल तरीका मानते हैं। अब जैसे चांदी के बर्तन में पानी पित्त प्रकृति के लिए वरदान है। ये ठंडक और शांति देने के साथ, इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करता है। साथ ही साथ गुस्सा और तनाव घटाता है। तो वहीं, तांबे के बर्तन में रखा पानी वात और कफ प्रकृति को बैलेंस करता है। सर्द मौसम में ये शरीर में हल्की गर्माहट लाता है। पाचन बेहतर करता है। सबसे जरूरी बात है कि ये एंटी माइक्रोबियल होता है। गर्म मौसम में लकड़ी के ग्लास में रखा पानी सेहत को काफी फायदे पहुंचाता है। लकड़ी में रखा पानी लिवर और खून की सफाई में मददगार है और मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर डालता है।
वहीं कांसा यानि ब्रॉन्ज वात और कफ को शांत करता है। पाचन बेहतर करने के साथ शरीर से टॉक्सिन्स को नेचुरली बाहर निकालता है और ये मिट्टी का ग्लास जिसका इस्तेमाल गांवों में सबसे ज्यादा किया जाता है, पानी को एल्कलाइन बनाता है। पीतल के बर्तन में रखा पानी सर्दी मौसम में सबसे अच्छा माना गया है। ये नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है। लेकिन जब हम ये सब नजरअंदाज कर देते हैं तो शरीर में ‘वात-पित्त-कफ’ इम्बैलेंस होते हैं। और इसका सीधा असर हमारे हार्मोनल सिस्टम पर पड़ता है। आज देश में थायराइड की परेशानी खासतौर पर Hypo और Hyper Thyroidism तेजी से बढ़ रही है। मॉडर्न मेडिकल साइंस इसे हार्मोनल डिसफंक्शन मानता है लेकिन आयुर्वेद कहता है ये ‘दोषों के असंतुलन’ की वजह से है। पित्त दोष थायराइड की वर्क कैपेसिटी को कंट्रोल करता है। इसलिए जब ये गड़बड़ाता है तो मेटाबोलिज्म बिगड़ता है। कफ दोष बढ़ने पर हाइपो-थायराइडिज्म जिसमें ठंड लगना, सुस्ती, वजन बढ़ना जैसे लक्षण दिखते हैं। वात दोष तनाव, नींद की कमी और कब्ज के जरिए थायराइड ग्लैंड पर इनडायरेक्ट असर डालता है। ऐसे में बाबा रामदेव से जानेंगे थायराइड जैसी बीमारियों से बचने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए।
थायराइड के लिए करें ये योग
- सूर्य नमस्कार
- पवनमुक्तासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- उष्ट्रासन
- मत्स्यासन
- भुजंगासन
थायराइड में क्या खाएं
- अलसी
- नारियल
- मुलेठी
- मशरूम
- हल्दी दूध
- दालचीनी
थायराइड में इन चीजों से करें परहेज
- चीनी
- सफेद चावल
- केक-कुकीज़
- ऑयली फूड
- सॉफ्ट ड्रिंक्स
थायराइड में कारगर आयुर्वेदिक उपचार
- मुलेठी है फायदेमंद
- तुलसी
- एलोवेरा
- रोज सुबह जूस पीएं
- आंवला
- हरड़
- बहेड़ा
- सोने से पहले त्रिफला 1 चम्मच लें
- अश्वगंधा
- गर्म दूध
- हल्दी
- रोज 1 ग्लास पीना फायदेमंद
- धनिया का पानी
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।