
बिहार की राघोपुर विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं।
Raghopur Assembly Seat: बिहार विधानसभा चुनावों की तारीख करीब आती जा रही है और इसी के साथ विभिन्न सियासी दलों ने अपने प्रचार अभियान में तेजी ला दी है। सूबे की 243 विधानसभा सीटों में कुछ सीटें ऐसी भी हैं जिन पर पूरे देश की नजरें है। ऐसी ही सीटों में शुमार है राघोपुर विधानसभा सीट, जहां से RJD नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर तेजस्वी का सामना बीजेपी के सतीश कुमार यादव, जन सुराज पार्टी के चंचल कुमार और जनशक्ति जनता दल के प्रेम कुमार से है।
क्यों खास रही है राघोपुर विधानसभा सीट?
राघोपुर सीट बिहार के वैशाली जिले में आती है। इस विधानसभा क्षेत्र में दो ब्लॉक राघोपुर और बिदुपुर आते हैं। यह इलाका बिहार की राजनीति में बहुत अहम माना जाता है। लालू प्रसाद यादव ने यहां से दो बार चुनाव जीता था। उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी तीन बार यहां से विधायक बनीं और दोनों ने इस सीट से जीतकर मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। उनके बेटे तेजस्वी यादव ने भी यहां से 2 बार चुनाव जीता है। वे इस दौरान उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता रहे हैं। 2010 के चुनाव में राबड़ी देवी को JDU के सतीश कुमार यादव ने हराया था और वही सतीश अब बीजेपी के टिकट पर तेजस्वी के सामने ताल ठोक रहे हैं।
कैसे रहे हैं पिछले चुनावों के नतीजे?
राघोपुर विधानसभा सीट पर पिछले चुनावी मुकाबलों की बात करें तो केंद्र में हमेशा सतीश कुमार यादव और लालू परिवार का कोई सदस्य रहा है। लालू यादव इस सीट से 2 बार जबकि राबड़ी देवी 3 बार विधायक रही हैं। 2010 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को हराकर बिहार की सियासत में तहलका मचा दिया था। हालांकि इसके बाद 2015 और 2020 के चुनावों में उन्हें लालू और राबड़ी के बेटे तेजस्वी यादव के हाथों हार झेलनी पड़ी है। 2025 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर इस सीट पर मुख्य मुकाबला तेजस्वी यादव और सतीश कुमार यादव के बीच माना जा रहा है।
बिहार में कब हैं विधानसभा चुनाव?
बिहार में इस बार 2 चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण के तहत 6 नवंबर को मतदान होगा जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होनी है। चुनावों के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। राघोपुर सीट पर 6 नवंबर को वोटिंग है और इस बार सतीश कुमार यादव अपनी पिछली 2 हारों का बदला लेने के लिए बेताब होंगे, जबकि तेजस्वी इस सीट से अपनी जीत की हैट्रिक लगाना चाहेंगे। हालांकि बदलते चुनावी समीकरणों में जन सुराज पार्टी के चंचल कुमार और जनशक्ति जनता दल के प्रेम कुमार को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब इस सीट पर ऊंट किस करवट बैठता है, इसका पता 14 नवंबर को ही चल पाएगा।
