लद्दाख में तड़के महसूस किए गए भूकंप के जोरदार झटके, पड़ोसी देश चीन में भी हिली धरती


लेह में भूकंप के झटके। - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV
लेह में भूकंप के झटके।

नई दिल्ली: तड़के सुबह आज लद्दाख के लेह में भूकंप के झटके महसूस किए गए राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस भूकंप के बारे में जानकारी दी। एक बयान में एनसीएस ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में भूकंप के झटके महसू किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई। एनसीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई पर था। इस दौरान सोते समय लोगों को भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। हालांकि इस भूकंप की वजह से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। 

चीन में भी भूकंप के झटके

वहीं लेह के अलावा भारत के पड़ोसी देश चीन में भी देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां झिंजियांग में 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने एक बयान में कहा कि झिंजियांग में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र भी 10 किमी की गहराई पर था। फिलहाल इस भूकंप की वजह से भी किसी प्रकार के नुकसान की कोई सूचना सामने नहीं आई है। हालांकि कम गहराई वाले भूकंप आमतौर पर ज्यादा खतरनाक होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उथले भूकंपों से आने वाली भूकंपीय तरंगों की सतह तक पहुंचने की दूरी कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप जमीन ज़्यादा हिलती है।

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

भारत में क्या हैं भूकंप के जोन

भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल के जरिए मापा जाता है। रिक्टर स्केल पर 4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।

यह भी पढ़ें-

‘इस्तीफे की धमकी देकर ब्लैकमेल नहीं करूंगा’, डी के शिवकुमार ने तमाम अटकलों पर दिया बड़ा बयान

लालू परिवार में फूट पर आया सहयोगी मुकेश सहनी का बयान, बोले- ‘अगर हार होती है तो किसी एक व्यक्ति पर…’

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *