
प्रतीकात्मक फोटो
आपको बता दें कि मुंबई में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खराब हो रही है। शहर के कई इलाकों में AQI का लेवल ‘खराब'(200-300) और ‘बहुत खराब/गंभीर’ यानी 300 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। इस वजब से स्मॉग, विज़िबिलिटी कम होना और लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं। इस महीने मुंबई का ओवरऑल AQI कई बार बढ़ा है, जिससे आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और कई इलाकों में भारी स्मॉग की शिकायतें सामने आई हैं। अब BMC ने कई इलाकों में GRAP-4 का लागू करना शुरू कर दिया है।
इन इलाकों में लागू GRAP-4
आपको बता दें कि मुंबई में लगातार खराब हो रहे एयर क्वालिटी की वजह से माझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली ईस्ट, चकाला-अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे कई ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों के लिए BMC द्वारा GRAP-4 (पॉल्यूशन इमरजेंसी प्रोटोकॉल) लागू किया गया है। BMC ने सबसे ज्यादा प्रभावित वार्ड में 50 से ज्यादा कंस्ट्रक्शन और RMC(रेडी-मिक्स कंक्रीट) साइट्स को काम रोकने/शटडाउन नोटिस जारी किए हैं। इसके अलावा बेकरी, मार्बल-कटिंग यूनिट और दूसरे लोकल ऑपरेशन समेत कई छोटी इंडस्ट्रीज़ को साफ-सुथरे प्रोसेस को अपनाने के लिए कहा गया है और अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा।
हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात
सिविक बॉडी ने हर वार्ड में फ्लाइंग स्क्वॉड भी तैनात किए हैं, जिसमें इंजीनियर, पुलिस वाले और GPS-ट्रैक वाली गाड़ियां शामिल हैं। ऐसा करने के पीछे का कारण यह है कि पॉल्यूशन कंट्रोल के नियम लागू किए जा सकें और एमिशन पर नजर रखी जा सके। हाल ही में 70 जगहों पर इंस्पेक्शन हुए थे जिनमें से 53 में धूल कंट्रोल के नियमों का उल्लंघन पाया गया और उन्हें तुरंत नोटिस भेजा गया।
मुंबई कांग्रेस ने जारी किया था प्लान
प्रदूषण के संबंध में मुंबई कांग्रेस ने कल एक ‘मुंबई क्लीन एयर एक्शन प्लान’ जारी किया था। इस प्लान में साफ हवा को बुनियादी अधिकार, 24×7 मॉनिटरिंग, ‘ग्रीन मुंबई 2030’ के तहत 1 मिलियन पेड़ लगाने और गाड़ियों, कंस्ट्रक्शन और इंडस्ट्रीज़ के लिए सख्त पॉल्यूशन नियम बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक, जब AQI तय लिमिट को पार करे तो सख्त पाबंदियां अपने आप लागू हो जाएंगी। इसमें रात के समय सख्ती से रोक लगाना, गैर-ज़रूरी कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाना, बहुत ज्यादा प्रदूषित स्कूल ज़ोन में एयर प्यूरीफायर सुनिश्चित करना, काम करने वालों के लिए N95 मास्क और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर साइट्स के आसपास ग्रीन कॉरिडोर और ‘ब्रीदिंग ज़ोन’ बनाना शामिल है।
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