
नदियों के आसपास का कोहरा।
Interesting Facts: सर्दियां का मौसम वैसे तो कई लोगों को पसंद होता है मगर इस मौसम में उन लोगों को बड़ी मुसीबत हो जाती है जो नदियों के आसपास वाले मोहल्लों या क्षेत्रों में रहते हैं। आपने भी वाहन चलाते हुए जरूर गौर किया होगा कि नदियों के पास का इलाका आते ही अचानक बर्फीली हवा के एहसास के साथ घना कोहरा दिखाई देने लगता है। आखिर ऐसा क्यों है और इसकी क्या वजह है आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। दरअसल, इस सवाल के जवाब के पीछे साइंस का एक नियम छिपा है जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
सर्दियों में ही कोहरा क्यों बनता है
यदि आपको नहीं पता है तो आपको बता दें कि, सर्दियों में कोहरा इसलिए बनता है क्योंकि इस मौसम में रातें लंबी और ठंडी होती हैं, जिससे जमीन की गर्मी तेजी से निकलती है और उसके पास की हवा ठंडी होकर ओस बिंदु तक पहुंच जाती है। इससे हवा में मौजूद नमी छोटी-छोटी पानी की बूंदों में बदलकर हवा में तैरने लगती है। ठंडी हवा ज्यादा नमी रोक नहीं पाती और प्रदूषण के कण (धूल, धुआं) इन बूंदों को घना और टिकाऊ बनाते हैं, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और हमें कोहरा दिखाई देता है।
कोहरे के प्रकार
सबसे पहले तो आपको बता दें कि, कोहरा चार प्रकार का होता है— विकिरण कोहरा, घाटी कोहरा, वाष्पीकरण कोहरा, एडवेक्शन फॉग। नदियों के पास वाला कोहरा वाष्पीकरण कोहरे की प्रक्रिया के तहत उठता है। कोहरे के सभी प्रकारों में एक खास प्रक्रिया होती है और सभी के अलग नाम भी हो सकते हैं।

नदियों के आसपास कोहरा
नदियों के पास सबसे ज्यादा कोहरा क्यों
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में नदी का पानी जमीन से कम ठंडा होता है और जब ठंडी हवा इस गर्म पानी के ऊपर आती है, तो पानी की नमी तेजी से संघनित होकर पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती है, जो कोहरे का रूप लेती हैं। यह विकिरण कोहरा कहलाता है, और नदियां नमी का बड़ा स्रोत होती हैं, जिससे यहां कोहरा ज्यादा घना और देर तक रहता है। हवा में नमी बहुत ज्यादा होने से आसपास के क्षेत्रों में कोहरा बनने लगता है। गौरतलब है कि, विकिरण कोहरा अक्सर नदी घाटियों और निचले इलाकों में बनता है, क्योंकि ठंडी, भारी हवा नीचे बैठ जाती है। यह सूर्योदय के बाद भी तब तक बना रह सकता है जब तक सूरज की गर्मी इसे वाष्पित न कर दे, लेकिन अक्सर दिन भर बना रहता है क्योंकि आसपास की ज़मीन भी ठंडी होती है।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया और रिपोर्ट्स में किए गए दावों पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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