
मंत्री के पैर की ठोकर लगते ही टूटने लगी नई सड़क
सतना: मध्य प्रदेश के सतना से भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाला एक वीडियो सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि एक नई सड़क जरा सा पैर मारने से ही टूट गई। इस मामले के सामने आने के बाद सड़क निर्माण में लगे लोगों की आलोचना हो रही है और उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
सतना में PWD की ‘लीपापोती’ उजागर हुई है और घटिया सड़क निर्माण की बात सामने आई है। इस मामले में मंत्री प्रतिमा बागरी ने एक्शन भी लिया है और कार्यपालन यंत्री को फटकार लगाई है। दरअसल सतना जिले के रैगांव में सरकारी निर्माण कार्यों में संविदाकार और अधिकारियों की मिलीभगत से किस तरह गुणवत्ता से समझौता किया जाता है, इसका ताज़ा उदाहरण सतना जिले के कोठी तहसील में देखने को मिला।
पोड़ी-मनकहरी मार्ग (लम्बाई 3.00 कि.मी.) के नवीनीकरण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी, जिसकी पोल आज औचक निरीक्षण में खुल गई। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी जब निरीक्षण के लिए पहुंचीं, तो सड़क की हालत देख विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।
PWD विभाग द्वारा बनाई जा रही इस सड़क में डामर की गुणवत्ता और मोटाई मानकों के अनुसार नहीं थी। निरीक्षण के दौरान जब कार्यपालन यंत्री बी.आर. सिंह से जवाब तलब किया गया, तो उन्होंने मामले को हल्का करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि “कुछ हिस्से रिजेक्ट किए गए हैं,” लेकिन जमीनी सच्चाई ये दिखी कि मंत्री की ठोकर से सड़क टूट गई क्योंकि वह निम्न स्तर की बनी थी।
इसे प्रशासनिक विफलता और लापरवाही मानते हुए, मंत्री ने स्पष्ट किया कि खराब गुणवत्ता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने मौके पर ही संपूर्ण कार्य को निरस्त करते हुए संविदाकार का टेंडर रद्द करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सवाल यह है कि तकनीकी अधिकारियों की निगरानी के बावजूद संविदाकार इतनी निम्न गुणवत्ता का कार्य करने का साहस कैसे जुटा पाते हैं? क्या इस मामले में विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी?
