Sheikh Hasina Interview: यूनुस के पास जनादेश नहीं… हिंसा, कट्टरपंथ, चिकन नेक समेत बांग्लादेश के बिगड़ते हालात पर हसीना ने रखी अपनी बात


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Sheikh Hasina Interview: बांग्लादेश में भड़की हिंसा पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दुख जताया है। हसीना ने ANI को दिए एक ईमेल इंटरव्यू में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है। हसीना ने उस्मान हादी की मौत पर कहा, “यह दुखद हत्या उस अराजकता को दिखाती है जिसने मेरी सरकार को उखाड़ फेंका और यूनुस के राज में यह और बढ़ गई है। हिंसा आम बात हो गई है, जबकि अंतरिम सरकार या तो इससे इनकार करती है या इसे रोकने में नाकाम है। ऐसी घटनाएं बांग्लादेश को अंदर से अस्थिर करती हैं, लेकिन पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते भी। भारत अराजकता, अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म को देख रहा है। जब आप अपनी सीमाओं के अंदर बुनियादी व्यवस्था बनाए नहीं रख सकते, तो इंटरनेशनल लेवल पर आपकी क्रेडिबिलिटी खत्म हो जाती है। यह यूनुस के बांग्लादेश की सच्चाई है।”

‘यूनुस ने कट्टरपंथियों को कैबिनेट में जगह दी’

शेख हसीना ने इस्लामिस्ट असर और सिक्योरिटी की चिंताओं पर कहा, “मैं भी इस चिंता से ग्रसित हूं और लाखों बांग्लादेशी भी, जो उस सुरक्षित, सेक्युलर देश को पसंद करते हैं जो कभी हमारा था। यूनुस ने कट्टरपंथियों को कैबिनेट में जगह दी है, दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया है और इंटरनेशनल आतंकवादी संगठनों से जुड़े ग्रुप्स को पब्लिक लाइफ में रोल निभाने की इजाजत दी है। वह कोई पॉलिटिशियन नहीं हैं और उन्हें किसी मुश्किल देश पर राज करने का कोई एक्सपीरियंस नहीं है। कट्टरपंथी इंटरनेशनल लेवल पर एक चेहरा दिखाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। वो हमारे संस्थानों को अंदर से सिस्टमैटिक तरीके से कट्टरपंथी बना रहे हैं। यह ना सिर्फ भारत के लिए, बल्कि दक्षिण एशिया की स्थिरता में दिलचस्पी रखने वाले हर देश के लिए चिंता की बात होनी चाहिए। बांग्लादेशी राजनीति का सेक्युलर चरित्र हमारी सबसे बड़ी ताकतों में से एक था और हम इसे कुछ बेवकूफ एक्सट्रीमिस्ट्स की सनक पर बर्बाद नहीं होने दे सकते।”

नॉर्थ-ईस्ट और चिकन नेक पर हसीना ने क्या कहा?

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने भारत के नॉर्थ-ईस्ट और “चिकन नेक” की बात पर कहा, “ऐसे बयान खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना हैं, जो उन आतंकी तत्वों को दिखाते हैं जिन्होंने यूनुस के तहत प्रभाव हासिल किया है। कोई भी गंभीर नेता ऐसे पड़ोसी को धमकी नहीं देगा जिस पर बांग्लादेश व्यापार, ट्रांजिट और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए निर्भर है। यह बयानबाजी सिर्फ वैचारिक कल्पनाओं को पूरा करती है, बांग्लादेश के राष्ट्रीय हितों को नहीं। भारत को ऐसे बयानों को चिंता से देखने का पूरा अधिकार है। ये आवाजें बांग्लादेशी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, जो समझते हैं कि हमारी समृद्धि और सुरक्षा भारत के साथ मजबूत संबंधों पर निर्भर करती है। एक बार जब लोकतंत्र बहाल हो जाएगा और जिम्मेदार शासन वापस आएगा, तो ऐसी लापरवाह बातें खत्म हो जाएंगी।”

‘चुनाव नहीं, ताजपोशी है’

शेख हसीना ने आने वाले चुनावों पर कहा, “अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं, बल्कि ताजपोशी है। यूनुस बांग्लादेशी लोगों के एक भी वोट के बिना राज करते हैं, और अब वह उस पार्टी पर बैन लगाना चाहते हैं जिसे 9 बार पॉपुलर मैंडेट से चुना गया है। पहले, जब बांग्लादेशी अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट नहीं दे सकते, तो वो बिल्कुल भी वोट नहीं देते। इसलिए अगर अवामी लीग पर यह बैन जारी रहा तो लाखों लोग असल में वोट देने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। ऐसी किसी भी कोशिश से जो सरकार बनेगी, उसके पास राज करने का नैतिक अधिकार नहीं होगा। यह ऐसे समय में एक बहुत बड़ा मौका चूकना होगा जब बांग्लादेश को असली राष्ट्रीय मेल-मिलाप की प्रक्रिया की बहुत जरूरत है।” उन्होंने कहा, “मेरा अतीत, वर्तमान और भविष्य हमेशा बांग्लादेश की सुरक्षा से जुड़ा रहा है, और मैं चाहती हूं कि मेरा देश ऐसा नेता चुने जिसके पास राज करने का अधिकार हो।”

‘इंडिया की शुक्रगुजार हूं’

शेख हसीना ने प्रत्यर्पण की मांग पर कहा, “ये बढ़ती मांगें जिनकी आप बात कर रहे हैं, वो सिर्फ यूनुस एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आ रही हैं, जो हताश हैं और भटके हुए हैं। बाकी सब लोग ICT प्रोसेस को वैसा ही देखते हैं जैसा वो था, यानी एक पॉलिटिक्स से मोटिवेटेड कंगारू ट्रिब्यूनल। मैं इंडिया की तरफ से मेरी मेहमाननवाजी बनाए रखने और हाल ही में इंडिया की सभी पॉलिटिकल पार्टियों ने इस बात को सपोर्ट करने के लिए जो एकता दिखाई है, उससे बहुत खुश और शुक्रगुजार हूं।”

शेख हसीना ने क्यों छोड़ा बांग्लादेश?

बांग्लादेश लौटने के सवाल पर हसीना ने कहा, “मैंने बांग्लादेश इसलिए छोड़ा ताकि और खून-खराबा ना हो, ने कि इंसाफ का सामना करने के डर से। आप मेरी पॉलिटिकल हत्या का सामना करने के लिए मेरी वापसी की मांग नहीं कर सकते। मैंने यूनुस को अपने आरोप हेग ले जाने की चुनौती दी है, क्योंकि मुझे भरोसा है कि एक इंडिपेंडेंट कोर्ट मुझे बरी कर देगा। जब बांग्लादेश में एक लेजीटिमेट सरकार और एक इंडिपेंडेंट ज्यूडिशियरी होगी, तो मैं खुशी-खुशी उस देश लौट जाऊंगी जिसकी मैंने पूरी जिंदगी सेवा की है।”

‘भारत के खिलाफ दुश्मनी भरे बयान देती है यूनुस सरकार’

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत-बांग्लादेश डिप्लोमैटिक तनाव पर कहा, “आप जो तनाव देख रहे हैं, वह पूरी तरह से यूनुस की वजह से है। उनकी सरकार भारत के खिलाफ दुश्मनी भरे बयान देती है, धार्मिक माइनॉरिटीज की रक्षा करने में नाकाम रहती है और एक्सट्रीमिस्ट्स को फॉरेन पॉलिसी तय करने देती है, फिर जब तनाव बढ़ता है तो हैरानी जताती है। भारत दशकों से बांग्लादेश का सबसे पक्का दोस्त और पार्टनर रहा है। हमारे देशों के बीच रिश्ते गहरे और बुनियादी हैं। मुझे भरोसा है कि एक बार सही गवर्नेंस बहाल हो जाने पर, बांग्लादेश उस समझदारी भरी पार्टनरशिप पर वापस आ जाएगा जिसे हमने 15 वर्षों में बनाया है।”

‘एक्सट्रीमिस्ट्स बढ़ा रहे हैं दुश्मनी’

शेख हसीना ने भारत के खिलाफ बढ़ती भावना पर कहा, “यह दुश्मनी एक्सट्रीमिस्ट्स बना रहे हैं जिन्हें यूनुस सरकार ने बढ़ावा दिया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने भारतीय एंबेसी पर चढ़ाई की और हमारे मीडिया ऑफिस पर हमला किया। एक्सट्रीमिस्ट्स बिना किसी कारण के हमला करते हैं और इन्होंने मेरे परिवार और मुझे अपनी जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर किया। यूनुस ने ऐसे लोगों को पावरफुल पोजीशन पर बिठाया है और दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया है।” उन्होंने यह भी कहा,  “यूनुस गुंडों को छूट देते हैं और उन्हें योद्धा कहते हैं।”

हसीना ने ICT के फैसले पर भी कही अपनी बात 

पूर्व पीएम हसीना ने ICT फैसले पर कहा, “इस फैसले का न्याय से कोई लेना-देना नहीं है और इसका सब कुछ राजनीतिक खात्मे से जुड़ा है। मुझे अपना बचाव करने का अधिकार नहीं दिया गया और अपनी पसंद के वकील नहीं रखने दिए गए। ट्रिब्यूनल का इस्तेमाल अवामी लीग को फंसाने के लिए किया गया। हालांकि, बांग्लादेश के संस्थानों पर मेरा भरोसा अभी भी बना हुआ है। हमारी संवैधानिक परंपरा मजबूत है, और जब सही शासन बहाल होगा और हमारी न्यायपालिका अपनी आजादी वापस पा लेगी, तो न्याय होगा।”

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों पर हसीना ने क्या कहा?

शेख हसीना ने पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों पर कहा, “बांग्लादेश हमेशा सभी से दोस्ती और किसी से दुश्मनी नहीं रखने में विश्वास करता है। बेशक, हमारे देश के लिए पाकिस्तान के साथ स्थिर संबंध रखना समझदारी की बात है, लेकिन यूनुस का जल्दबाजी में गले लगाना गलत है। हमारे कई पुराने सहयोगियों को बेवजह दूर करने के बाद, अब वह दुनिया के मंच पर एक दोस्त खोजने के लिए बेताब दिखते हैं।”


उन्होंने कहा, “अहम बात यह है कि यूनुस के पास बांग्लादेश की विदेश नीति को बदलने का कोई जनादेश नहीं है। वह चुने नहीं गए थे, इसलिए उन्हें ऐसे रणनीतिक फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है जो पीढ़ियों को प्रभावित कर सकते हैं। एक बार जब बांग्लादेशी फिर से स्वतंत्र रूप से वोट दे पाएंगे, तो हमारी विदेश नीति हमारे राष्ट्रीय हितों की सेवा करने लगेगी, ना कि उन चरमपंथियों की वैचारिक कल्पनाओं की जिन्होंने अस्थायी रूप से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध मौलिक हैं और इस अंतरिम सरकार के जाने के बाद भी बने रहेंगे।”

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