Adhik Maas 2026: नए साल 2026 में कब लगेगा अधिकमास?, क्या है मलमास का महत्व और नियम


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2026 में कब लगेगा अधिकमास?

Adhik Maas 2026: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, साल में 12 महीने होते हैं। जबकि, हिंदू कैलेंडर में सूर्य और चंद्रमा जैसे ग्रहों की गति के हिसाब से महीनों की संख्या बदल जाती है। जैसे कि साल 2026 हिंदू पंचांग के अनुसार बेहद खास रहने वाला है। क्योंकि इस साल मलमास लगने जा रहा है। अधिकमास लगने के कारण ही हिंदू नववर्ष 12 नहीं, बल्कि 13 महीनों का होगा। मलमास को अधिक मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह समय धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। हालांकि, इस दौरान कई मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। आइए जानते हैं कि नए साल 2026 में अधिकमास कब लगेगा और इसका महत्व क्या है। 

Adhik Maas 2026: क्यों खास माना जाता है अधिकमास? 

हिंदू पंचांग चंद्रमा की गति पर आधारित होता है, जबकि सूर्य कैलेंडर सूर्य की गति पर। दोनों कैलेंडरों में समय का अंतर होने के कारण हर तीन वर्षों में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है। साल 2026 में यही अतिरिक्त महीना जुड़ने से नया साल 13 महीनों का हो जाएगा, जो इसे विशेष बनाता है। 

Adhik Maas Significance: क्यों लगता है मलमास?

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य कैलेंडर की तुलना में चंद्र कैलेंडर की अवधि कम होती है। चंद्र कैलेंडर 354 दिनों का होता है, जबकि सूर्य कैलेंडर 365 दिनों का। इस तरह हर साल लगभग 11 दिनों का अंतर बढ़ता जाता है। ज्योतिषीय गणना के हिसाब से 32 महीने और 16 दिन यानी कि 3 साल बाद यह अंतर करीब एक महीने का हो जाता है। ऐसे में इस बड़े अंतर को पाटने और ऋतुओं का संतुलन बनाए रखने के लिए पंचांग में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है, जिसे अधिक मास या फिर मलमास कहा जाता है।

Adhik Maas 2026: मलमास से पुरुषोत्तम मास तक

हिंदू पुराणों के अनुसार, पहले इस महीने को ‘मलमास’ कहा जाता था और इसे अशुभ माना जाता था। ऐसे में कोई भी देवता इसका अधिपति बनने को तैयार नहीं था। दुखी होकर यह महीना भगवान विष्णु के पास गया। तब भगवान विष्णु ने इसे ‘पुरुषोत्तम’ नाम दिया और वरदान दिया कि इस महीने में की गई भक्ति से भक्तों को कई गुना पुण्य प्राप्त होगा,तभी से यह पुरुषोत्तम मास कहलाया। यह महीना भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण वह इसके अधिपति कहलाए। 

Adhik Maas 2026 Date: 2026 में कब लगेगा मलमास?

पंचांग के अनुसार, अधिक मास की शुरुआत 17 मई 2026 से होगी और इसका समापन 15 जून 2026 को होगा। इस अवधि में पहले दिन व्रत रखना विशेष रूप से शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।

Adhik Maas Do’s and Don’ts: मलमास में क्या करें और क्या न करें

मलमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और नामकरण जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। माना जाता है कि इस समय शुभ कार्यों का पूरा फल नहीं मिलता। वहीं भगवान विष्णु की पूजा, जप, तप, दान-पुण्य और गौ-सेवा अत्यंत शुभ मानी जाती है। रामायण और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का दान भी फलदायी माना गया है।

पुण्य की प्राप्ति का विशेष समय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अधिक मास में एक दिन की पूजा सामान्य दिनों के 100 दिनों की पूजा के बराबर फल देती है। यही कारण है कि भक्त इस महीने को आध्यात्मिक साधना के लिए सबसे उत्तम समय मानते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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