हुमायूं कबीर की नई पार्टी ने बढ़ाई ममता बनर्जी की चिंता, बाबरी मस्जिद के नाम पर इकट्ठा हुई हजारों की भीड़


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हुमायूं कबीर की अपील पर जुमे के दिन हजारों मुसलमानों की भीड़ जुटी जिससे ममता बनर्जी की चिंता बढ़ गई है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले तृणमूल कांग्रेस से निकाले गए विधायक हुमायूं कबीर अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बड़ी मुश्किल पैदा कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद के निर्माण के मुद्दे पर हुमायूं कबीर ने जुमे की नमाज के समय हजारों लोगों की भीड़ जमा की। उन्होंने 22 दिसंबर को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था और ‘जनता उन्नयन पार्टी’ नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी शुरू की है। नई पार्टी के गठन के ऐलान के बाद यह पहला जुमे का दिन था, इसलिए हुमायूं कबीर के लिए यह दिन बेहद खास था।

‘अब मुसलमान वोटर खुद किंग बनेगा’

हुमायूं कबीर की अपील पर हावड़ा, कोलकाता, बर्धमान, मेदिनीपुर से लेकर 24 परगना तक बंगाल के कई शहरों से बड़ी संख्या में लोग बेलडांगा पहुंचे। हुमायूं कबीर ने हजारों लोगों के साथ जुमे की नमाज पढ़ी और नमाज के बाद उन्होंने कहा कि इस बार बंगाल में सरकार मुसलमान ही बनाएंगे। कबीर ने कहा कि अब तक बंगाल के 2.5 करोड़ मुसलमान ममता बनर्जी को वोट देकर किंग-मेकर बनते रहे हैं, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब मुसलमान वोटर खुद किंग बनेगा।

हुमायूं कबीर ने ईंटों के स्टॉल लगवाए

हुमायूं कबीर ने यह भी बताया कि असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और ISF के नौशाद सिद्दीकी से उनकी बात चल रही है। उन्होंने कहा कि वह सभी मुस्लिम नेताओं को एकजुट करके चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद के भावनात्मक मुद्दे को खूब भुना रहे हैं। पहले वे बाबरी मस्जिद बनाने के लिए यहां आने वाले नमाजियों से चंदा मांग रहे थे। इसके लिए उन्होंने क्यूआर कोड लगाकर पैसे जुटाए जा रहे थे। इस बार हुमायूं कबीर ने ईंटों के स्टॉल लगवा दिए। जुमे की नमाज के लिए आने वाले श्रद्धालु इन स्टॉलों से ईंटें खरीदकर मस्जिद के लिए दान दे सकते थे। लाउड स्पीकर लगाकर ईंटें बेची जा रही थीं और एक ईंट की कीमत दस रुपए रखी गई थी।

हुमायूं का असर देख बढ़ी ममता की चिंता

बाबरी मस्जिद के नाम पर हुमायूं कबीर की सियासी दुकान अच्छी चल रही है, और उनके समर्थकों की भी कमाई हो रही है। इससे सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि हुमायूं कबीर का प्रभाव तो सिर्फ मुर्शिदाबाद में है, लेकिन अगर उनकी पार्टी का गठबंधन नौशाद सिद्दीकी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टियों से होता है, तो इसका असर बंगाल के दूसरे इलाकों में भी होगा। इसी वजह से हुमायूं कबीर दावा कर रहे हैं कि अब वे किंगमेकर की भूमिका में नहीं रहेंगे, बल्कि खुद किंग बनेंगे। माना जा रहा है कि हुमायूं कबीर आने वाले दिनों में बंगाल के मुस्लिम वोट बैंक पर बड़ा असर डाल सकते हैं।





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