America On LAC: भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकतों को देखने के बाद अमेरिका भी खुलकर भारत के समर्थन में आ गया है। चीन वर्षों से भारत में घुसपैठ और अतिक्रमण जैसा एकतरफा प्रयास करता आ रहा है। अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख क्षेत्र से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्रैगन की जबरदस्ती को देखते हुए अमेरिका ने भारत को उसी अंदाज में जवाब देने को प्रोत्साहित किया है। अमेरिका ने कहा है कि एलएलसी पर यदि चीन किसी भी तरह का एकतरफा प्रयास करता है तो भारत उसका कड़ा प्रतिरोध करे और ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब दे।
आपको बता दें कि हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एलएसी का दौरा किया है। उन्होंने चीन के पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों से मुलाकात की है। उस दौरान जिनपिंग ने पीएलए का हौसला भी बढ़ाया है। माना जा रहा है कि शी जिनपिंग का यह दौरा हाल ही में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय के एलएसी दौरे और अपने सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के जवाब के तौर पर है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने हाल में ही वास्तविक नियंत्रण रेखा का दौरा किया था और सेना के जवानों व गांव के लोगों से भी बातचीत की थी। साथ ही सीमा पर सजगता और सतर्कता बढ़ाने को कहा था। इसके बाद शी जिनपिंग ने भी एलएसी जाकर मौजूदा हालातों का निरीक्षण कर पीएलए सैनिकों की हौसलाफजाई की है।
चीनी घुसपैठ के खिलाफ अमेरिका
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत-चीन सीमा पर तैनात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों से मुलाकात के कुछ दिनों बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने कहा है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार किसी भी “एकतरफा प्रयास” और घुसपैठ का विरोध करता है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रमुख प्रेस प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका एलएसी की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हम सीमा पार या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ, सैन्य या नागरिकों द्वारा क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं। अगर चीन की तरफ से ऐसा कोई एकतरफा प्रयास किया जाता है तो उसका कड़ा प्रतिरोध भारत को करना चाहिए। पटेल ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन को “विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों” का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
भारत को बताया महत्वपूर्ण भागीदार
अमेरिका ने भारत को महत्वपूर्ण भागीदार बताया है। अगले सप्ताह वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर पहल की पहली उच्च स्तरीय वार्ता से पहले विदेश विभाग ने भारत के साथ तकनीकी सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। वेदांत पटेल ने कहा कि प्रौद्योगिकी-साझाकरण अतीत में संबंधों में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। “भारत कई जगहों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए पसंद का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इसमें व्यापार, सुरक्षा व तकनीकी सहयोग भी शामिल है। पटेल ने कहा- “इसलिए मैं प्रक्रिया से बहुत आगे नहीं बढ़ना चाहता या किसी विशेष बैठक से आगे नहीं बढ़ना चाहता, जो कि नीचे आ सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
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