पटना: विधान परिषद के एलईडी डिस्प्ले बोर्ड पर अंग्रेजी में लिखे निर्देश देखकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर से पूछा कि क्या वह सदन से हिंदी भाषा को हटाना चाहते हैं। उन्होंने अध्यक्ष से अंग्रेजी डिस्प्ले बोर्ड के स्थान पर हिंदी डिस्प्ले बोर्ड लगाने की भी मांग की। नीतीश कुमार सोमवार को विधान परिषद में बजट सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जब वे सदन में दाखिल हुए तो उनकी नजर अंग्रेजी के डिस्प्ले बोर्ड पर पड़ी।
‘एकदम हिंदी को खत्मे कर दीजिएगा क्या?’
मुख्यमंत्री ने कहा, डिस्प्ले बोर्ड पर क्या निर्देश लिखे हैं? ये बेकार हैं और इसलिए इसे जल्द ही सुधार लें। सभी निर्देश हिंदी में लिखे जाने चाहिए। उन्होंने अध्यक्ष से कहा, ”डिस्प्ले बोर्ड पर ई का क्या लिखे हुए हैं… ऑनरेबुल लिख दिए हैं। इसका क्या मतलब है साहब? ई स्पीकिंग टाइम लिखा हुआ है…. ई सब का क्या अर्थ है? बिहार में इस तरह से क्यों लिखते हैं। काहे के लिए चलवाए हैं इ सब, फालतू चीज है… इसको ठीक कराइए। सब हिन्दी में रहना चाहिए।” उन्होंने डिस्प्ले की ओर इशारा करते हुए कहा, ”देखिए न, फिर अंग्रेजी में ही लिखे हुए हैं। एकदम हिंदी को खत्मे कर दीजिएगा क्या? बताइए, इ सब ठीक कराइए।” इसके बाद अध्यक्ष ठाकुर ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि तत्काल बोर्ड बदला जाएगा।
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किसान की ‘अंग्रेजी’ पर भड़के थे नीतीश
कुछ हफ्ते पहले पटना के बापू सभागार में किसानों की सभा के दौरान नीतीश कुमार नाराज हो गए थे। उस समय एक किसान अंग्रेजी में फसलों की विशेषताओं का वर्णन कर रहा था, इस पर नीतीश कुमार ने उसे टोक दिया और हिंदी में बोलने को कहा। सीएम नीतीश ने किसान से पूछ डाला कि वह इंग्लैंड में रहता है क्या। नीतीश ने कहा कि ये इंग्लैंड नहीं बल्कि बिहार है, अपने राज्य की भाषा हिंदी में बोलिए। इस दौरान किसान मुख्यमंत्री से क्षमा याचना करता रहा।