शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संजय राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव राज्यसभा को भेजा गया है। शनिवार को महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने विशेषाधिकार हनन नोटिस पर संजय राउत के जवाब को ‘असंतोषजनक’ करार दिया और फिर इसे उपराष्ट्रपति के पास भेज दिया। अब इस मामले में राज्यसभा के चेयरमैन को फैसला लेना है।
विधानमंडल के लिए किया था ‘चोर मंडली’ शब्द का इस्तेमाल
दरअसल, विधान मंडल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर संजय राउत के खिलाफ सुनवाई हो रही थी। संजय राउत ने बीते एक मार्च को कोल्हापुर के एक प्रोग्राम में विधानमंडल के लिए ‘चोर मंडली’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद बवाल मच गया। ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत के विवादित बयान को लेकर राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया गया था। महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे इस मामले में संजय राउत के जवाब से पूरी तरह सहमत नहीं हुईं, जिसके बाद उन्होनें विशेषाधिकार हनन नोटिस को उचित कार्रवाई के लिए राज्यसभा के सभापति और उपसभापति के पास भेज दिया है।
संजय राउत का जवाब ‘‘असंतोषजनक’’
महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि विशेषाधिकार हनन नोटिस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत का जवाब ‘‘असंतोषजनक’’ है। इसके बाद यह मामला उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पास भेज दिया गया। विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने विधान परिषद में कहा कि राउत ने अपने जवाब में सदन की विशेषाधिकार समिति के गठन, इसकी निष्पक्षता और कामकाज पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उनसे यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वह (राउत) विशेषाधिकार समिति के कामकाज पर सवाल उठाएं, इसलिए मैं उनके जवाब से पूरी तरह सहमत नहीं हूं और मुझे यह संतोषजनक नहीं लगा। इसी कारण मैं विशेषाधिकार हनन नोटिस को उचित कार्रवाई के लिए राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति को भेज रही हूं।’’
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