हिमालय और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच से दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर पहली बार ट्रेन दौड़ती हुई गुजरी। कटरा बनिहाल रेलखंड पर शनिवार को पहली बार ट्रेन का प्रायोगिक परिचालन सफल रहा। इस रेलखंड पर पहली बार ट्रेन को कटरा-बनिहाल खंड पर चलाया गया जो अगले सप्ताह अंतिम वैधानिक सुरक्षा निरीक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त निरीक्षण के बाद कश्मीर के लिए रेल सेवा शुरू करने को लेकर रिपोर्ट सौंपेंगे। रेलवे ने पिछले महीने पटरी के विभिन्न खंडों पर छह परीक्षण किए हैं, जिनमें भारत का पहला केबल के सहारे बना रेल पुल, अंजी खाद पुल और कौरी में चिनाब नदी पर बना मशहूर मेहराब वाला पुल (आर्क ब्रिज) शामिल है। यह ‘आर्क ब्रिज’ दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है।
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रेलवे के अधिकारी ने दी बड़ी जानकारी
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) संदीप गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सुरक्षा परीक्षणों के तहत हमने आज का परीक्षण किया। हम इस प्रयोगिक परीक्षण का हिस्सा थे और यह सफल रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ रेलवे सुरक्षा आयुक्त सात और आठ जनवरी को वैधानिक निरीक्षण और परीक्षण करेंगे। इसके बाद आयुक्त एक रिपोर्ट सौंपेंगे जो कश्मीर के लिए ट्रेन सेवाएं शुरू करने पर आगे की कार्रवाई का मार्गदर्शन करेगी। अब तक सब कुछ ठीक रहा है। हम 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कटरा लौटेंगे। जब रेलवे सुरक्षा आयुक्त परीक्षण करेंगे, तो वे 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करेंगे। यह परीक्षण उसी तैयारी का हिस्सा है।’’
कटरा और बनिहाल के बीच ट्रेन बर्फ से ढके पहाड़ों से होकर गुजरी, जहां प्रकृति की सुंदरता के बीच इंजीनियरिंग का चमत्कार दिखा। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन अपराह्न करीब डेढ़ बजे बनिहाल रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इस परियोजना का लक्ष्य कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल संपर्क स्थापित करना है। अंजी खाद पुल की कुल लंबाई 473.25 मीटर है, जिसमें ‘वायाडक्ट’ 120 मीटर है।
(इनपुट-पीटीआई, वीडियो-राही कपूर)