पीएम मोदी ने थाईलैंड में भूंकप से मौतों पर जताया दुःख, भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” में बताया बैंकाक का विशेष स्थान


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।
Image Source : AP
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।

बैंकाकः पीएम मोदी ने थाईलैंड में भूंकप से हुई मौतों पर गहरा दुःख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” में बैंकाक का विशेष स्थान बताया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत थाईलैंड में आए भूकंप पीड़ितों को याद करते हुए की। उन्होंने कहा कि 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए भारत के लोगों की ओर से मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और अध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं। बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है। अयोध्या से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है। रामायण की कथा थाई लोग के जीवन में रची बसी है। संस्कृत पाली का प्रभाव आज भी भाषाओं और परंपराओं में झलकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूं कि मेरी यात्रा के उपलक्ष्य में 18वीं शताब्दी रामायण म्यूरल पेंटिंग पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया है। पीएम शिनावात्रा ने अभी मुझे तिपिटक की भेंट की है।”

रणनीतिक साझेदारी में बदलेंगे भारत-थाईलैंड के रिश्ते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” भारत की एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारियां का रूप देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘‘रणनीतिक वार्ता’ स्थापित करने पर भी चर्चा की। साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग के लिए हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया।” बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और थाईलैंड प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा की मौजूदगी में भारत और थाईलैंड ने MoUs का आदान-प्रदान किया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, समावेशी व्यवस्था का समर्थन 

भारत और थाईलैंड ने अपने संबंधों को प्रगाढ़ कर रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का बृहस्पतिवार को फैसला किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं तथा विस्तारवाद के बजाय विकास की नीति में विश्वास करते हैं। मोदी ने शिनावात्रा के साथ हुई बातचीत के बारे में कहा, “हमने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और थाईलैंड के बीच पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया है। हमने आपसी व्यापार, निवेश और व्यवसायों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने पर चर्चा की।” उन्होंने कहा कि एमएसएमई, हथकरघा और हस्तशिल्प में सहयोग के लिए भी समझौते किए गए हैं।

श्रीलंका भी जाएंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री बाद में बिम्सटेक में शामिल थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के नेताओं से मिलेंगे। थाईलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद, वह श्रीलंका की यात्रा करेंगे। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और म्यांमार में सैन्य शासन के प्रमुख मिन आंग हलिंग समेत विभिन्न नेता शिरकत करेंगे। (भाषा)

Latest World News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *