1 मई से एक राज्य में सिर्फ 1 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होगा, वित्त मंत्रालय ने 15 आरआरबी के मर्जर को दी मंजूरी, जानें डिटेल


 मर्जर के बाद देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की संख्या मौजूदा 43 से संख्या घटकर 28 हो जाए

Photo:INDIA TV मर्जर के बाद देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की संख्या मौजूदा 43 से संख्या घटकर 28 हो जाएगी।

आगामी 1 मई से देश के हर राज्य में सिर्फ एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) होंगे। दरअसल, वित्त मंत्रालय ने बेहतर परिचालन दक्षता और लागत युक्तिकरण हासिल करने के लिए 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय (मर्जर) के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस मर्जर के बाद देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की संख्या मौजूदा 43 से संख्या घटकर 28 हो जाएगी।

इन राज्यों में होगा बैंकों का विलय

गजेटेड नोटिफिकेशन के मुताबिक, 11 राज्यों- आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को क्रमशः एक यूनिट में विलय किया जाना है, ताकि इनमें से हर ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ के लक्ष्य को साकार कर सके। 5 अप्रैल, 2026 की राजपत्र अधिसूचना के मुताबिक, विलय की प्रभावी तिथि 1 मई तय की गई है।

बैंकों के हित में भी एक यूनिट में विलय हो जाएंगे

नोटिफिकेशन के मुताबिक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23ए(1) के तहत दी गई शक्तियों के मुताबिक, ये क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सार्वजनिक हित में और इन संस्थाओं द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले क्षेत्र के विकास के हित में तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के हित में भी एक यूनिट में विलय हो जाएंगे। जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को मिलाकर एक एकल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बनाया गया, जिसे आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक कहा जाता है।

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