मुंबई हमले: तहव्वुर राणा का होने वाला है हिसाब, जानें क्या है हेडली समेत अन्य आरोपियों का हाल


तहव्वुर राणा मुंबई...
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तहव्वुर राणा मुंबई हमले के तमाम गुनहगारों में से एक है।

नई दिल्ली: 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से भी ज्यादा घायल हुए थे। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और अन्य प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया था। इस हमले की साजिश में शामिल मुख्य आरोपियों में तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली का नाम लिया जाता है, जबकि लश्कर चीफ हाफिज सईद को इसका मास्टरमाइंड माना जाता है। इनके अलावा कई अन्य लोग भी इस साजिश का हिस्सा थे। आइए, इन आरोपियों की मौजूदा स्थिति और उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों पर विस्तार से नजर डालते हैं।

भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है तहव्वुर राणा

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का एक कनाडाई नागरिक है। राणा को मुंबई हमले में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड हेडली को मुंबई में रेकी करने में मदद की थी। उसने अपनी शिकागो स्थित इमिग्रेशन सर्विस कंपनी ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ का इस्तेमाल हेडली के लिए कवर प्रदान करने में किया, जिससे हेडली को मुंबई में संदेह के बिना घूमने-फिरने और हमले की योजना बनाने में आसानी हुई। राणा को अक्टूबर 2009 में अमेरिका के शिकागो में गिरफ्तार किया गया था।

2011 में शिकागो की एक अदालत ने उसे लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने और डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश रचने का दोषी ठहराया। हालांकि, उसे मुंबई हमलों में सीधे तौर पर शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया गया था। इसके बावजूद, भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग जारी रखी। राणा को अमेरिका में 14 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसे उसने पूरा कर लिया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है और अब उसे भारत जाया जा रहा है। भारत में राणा आपराधिक साजिश, आतंकवाद और हत्या जैसे गंभीर आरोपों का सामना करेगा।

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डेविड हेडली ने मुंबई हमलों में अहम किरदार अदा किया था।

अमेरिका में सजा काट रहा है डेविड हेडली

डेविड हेडली, जिसका असली नाम दाऊद सईद गिलानी है, एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी है, जिसने मुंबई हमलों की योजना में अहम भूमिका निभाई। हेडली ने 2006 से 2008 के बीच 5 बार मुंबई का दौरा किया और ताज होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसे टारगेट्स की वीडियो रिकॉर्डिंग की। उसने इन जगहों से जुड़ी जानकारी लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर्स को दी, जिसके आधार पर हमला किया गया। हेडली को अक्टूबर 2009 में शिकागो के ओ’हेयर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था।

हेडली ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ एक समझौता किया, जिसमें उसने मुकदमे में सहयोग करने के बदले में अपनी सजा कम कराई। मार्च 2010 में हेडली ने सभी 12 आरोपों को स्वीकार कर लिया जिसमें भारत में सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी की साजिश, हत्या और आतंकवाद को समर्थन देने जैसे आरोप भी शामिल थे। 2013 में हेडली को 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इस समझौते के तहत उसे भारत को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। हेडली ने राणा के मुकदमे में गवाही दी और लश्कर-ए-तैयबा के साथ अपनी गतिविधियों का खुलासा किया। वर्तमान में हेडली अमेरिका की एक जेल में अपनी सजा काट रहा है, जिसका स्थान गोपनीय रखा गया है।

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हाफिज सईद को मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।

पाकिस्तान में हिरासत में है हाफिज सईद

हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है और उसे 26 नवंबर 208 को हुए मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। माना जाता है कि हाफिज सईद ने हमले की पूरी प्लानिंग की और डेविड हेडली जैसे सहयोगियों के जरिए निगरानी कराई। उसने आतंकियों को प्रशिक्षण और निर्देश देने में भी बेहद अहम भूमिका निभाई। भारत और अमेरिका ने उसे मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिसके बाद अमेरिका ने उस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा। हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है। मौजूदा समय की बात करें तो हाफिज सईद पाकिस्तान में हिरासत में है। 

2019 से वह आतंकवाद की फंडिंग के 7 मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद 78 साल की सजा काट रहा है। भारत ने बार-बार उसके प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन पाकिस्तान ने इससे हर बार इनकार किया है। कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें हाफिज सईद को हिरासत में आराम की जिंदगी बसर करता हुआ बताया जाता है। इन रिपोर्ट्स पर इसलिए भी शक करना मुश्किल है क्योंकि वह कई बार हिरासत से रिहा हो चुका है। हाल के दिनों में हाफिज सईद के कई करीबी सहयोगियों की अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या चर्चा का विषय रही है।

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जकी-उर-रहमान लखवी अभी भी सक्रिय माना जाता है।

लखवी को ISI ने किया है अंडरग्राउंड

जकी-उर-रहमान लखवी लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक और ऑपरेशनल कमांडर है। लखवी ने मुंबई हमले के लिए आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण और मुंबई में लक्ष्यों की निगरानी में अहम भूमिका निभाई। उसने डेविड हेडली को निर्देश दिए और हमले के दौरान कराची के कंट्रोल रूम से आतंकियों को संचालित किया। भारत के एकमात्र जीवित हमलावर अजमल कसाब ने उसकी पहचान ‘जकी चाचा’ के रूप में की थी। कसामब के मुताबिक ‘जकी चाचा’ ने हमलावरों को प्रेरित और प्रशिक्षित किया था।

संयुक्त राष्ट्र ने लखवी को 2008 में वैश्विक आतंकी घोषित किया, और अमेरिका ने उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा। माना जाता है कि लखवी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अंडरग्राउंड कर रखा है। जनवरी 2021 में पाकिस्तान ने उसे टेरर फंडिंग के मामले में 15 साल की सजा सुनाई थीं लेकिन उसकी स्थिति को लेकर अस्पष्टता है। 2024 में एक वीडियो में उसकी मौजूदगी की खबर आई जिससे संकेत मिलता है कि वह पाकिस्तान में ही सक्रिय है। भारत पाकिस्तान से उसका प्रत्यर्पण मांगता रहा है, पर पड़ोसी मुल्क आनाकानी करता रहा है।

पाकिस्तान में छिपा हो सकता है साजिद मजीद

साजिद मजीद, जिसे साजिद मीर, वसी, इब्राहिम और मोहम्मद अरशद अवान जैसे नामों से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का वरिष्ठ कमांडर है और इसका ‘इंडिया सेटअप’ संभालता है। उसका जन्म 1976 में हुआ। लखवी की प्रोफाइल के मुताबिक, उसका कद 6 फीट, रंग गोरा, बाल काले हैं और उसने 2008 में प्लास्टिक सर्जरी कराई थी। वह लाहौर के गैरिसन गोल्फ क्लब के पास, गंदा नाला, एयरपोर्ट रोड पर रहता है। उसके पिता का नाम अब्दुल मजीद है और पासपोर्ट नंबर KE 381676 (अरशद अवान के नाम पर) है। मजीद 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य योजनाकारों में शामिल था।

मजीद डेविड हेडली का मुख्य हैंडलर रहा और उसे वित्तीय व लॉजिस्टिक सहायता दी। उसने 10 आतंकियों को ट्रेनिंग और ब्रीफिंग दी और हमले के दौरान कराची में लश्कर के कंट्रोल रूम में शायद मौजूद था। भारत ने उसकी आवाज के नमूने मांगे हैं। उसके सहयोगियों में जकी-उर-रहमान लखवी, अबू काहफा, अबू अनस, मुजम्मिल बट और तहव्वुर हुसैन राणा हैं। वह NIA मामले 04/2009 और 209 के डेनमार्क हमले की साजिश में अभियुक्त है। उसको खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है। उसकी वर्तमान स्थिति अस्पष्ट है, हालांकि माना जाता है कि वह पाकिस्तान में ही छिपा है।

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मुंबई हमलों ने भारत समेत पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था।

अबू काहफा ने दी थी आतंकियों को ट्रेनिंग

अबू काहफा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का वरिष्ठ ट्रेनर और हथियारों व विस्फोटकों का एक्सपर्ट है। काहफा की प्रोफाइल के मुताबिक उसका कद 5 फीट 6 इंच, शरीर पतला, दाढ़ी लंबी और गाल धंसे हुए हैं। वह पाकिस्तान के बहावलपुर और पीओके के मुजफ्फराबाद में स्थित बैतुल मुजाहिदीन, शवई नाला में ठिकाने बदल-बदलकर रहता है। अबू काहफा 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल है और उसने हमले को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। उसने आतंकियों को GPS हैंडलिंग और नक्शा पढ़ने की भी ट्रेनिंग दी थी।

काहफा ने साजिद मजीद के सेक्रेटरी के रूप में साजिश के दौरान अहम भूमिका निभाई और हमले के वक्त LeT के कंट्रोल रूम में मौजूद था। उसके करीबी सहयोगियों में साजिद मजीद, अबू अनस और अबू हमजा शामिल हैं। वह मुंबई हमले के मामले में फरार घोषित किया गया है। भारत सरकार ने उसकी आवाज के नमूने पाकिस्तान से मांगे हैं, लेकिन उसकी मौजूदा स्थिति अस्पष्ट है। माना जाता है कि वह पाकिस्तान या POK में छिपा हुआ है।

पाकिस्तान में हिरासत में है मजहर इकबाल

मजहर इकबाल, जिसे अबू अलकामा के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का वरिष्ठ कमांडर है। वह 2008 तक कश्मीर सेटअप का प्रभारी था। मजहर इकबाल का रंग सांवला, कद 5 फीट 6 इंच, चेहरा गोल और दाढ़ी घनी है। उसका निवास स्थान काहफा के ही आसपास पाकिस्तान के बहावलपुर और पीओके के मुजफ्फराबाद में स्थित बैतुल मुजाहिदीन, शवई नाला में है। वह 26/11 मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं में शामिल है। वह मुंबई हमले में शामिल 10 आतंकियों को ट्रेनिंग व ब्रीफिंग देने में शामिल था।

हमलावरों के पाकिस्तान से मुंबई रवाना होने के दौरान वह कराची में मौजूद था और माना जाता है कि हमले के वक्त LeT कंट्रोल रूम में था। कहा जाता है कि उसने आतंकियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने के लिए उकसाया था। उसके सहयोगी जकी-उर-रेहमान लखवी, मुजम्मिल बट और साजिद मीर हैं। पाकिस्तान ने उसे गिरफ्तार कर मुंबई हमले से जुड़े मामले में चार्जशीट दाखिल की है। भारत ने उसकी आवाज के भी नमूने मांगे हैं। कहा जाता है कि वह पाकिस्तान की हिरासत में है पर उसकी मौजूदा स्थिति के बारे में साफतौर पर कुछ भी पता नहीं है।

पाकिस्तान में ISI के संरक्षण में है मेजर इकबाल

मेजर इकबाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संदिग्ध अधिकारी है, जो 2007-08 में लाहौर में तैनात था। उसकी उम्र लगभग 35 साल, कद 5 फीट 10 इंच, रंग गोरा, चेहरा गोल बताया जाता है। वह मूल रूप से सरगोधा का निवासी है और लाहौर एयरपोर्ट के पास स्थित आर्मी कैंटोनमेंट में रहता था। मेजर इकबाल को 26/11 मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका के लिए जाना जाता है। उसने ISI की ओर से डेविड कोलमैन हेडली को नियंत्रित किया, उसे 25000 डॉलर और नकली भारतीय मुद्रा दी, ताकि वह भारत में रेकी कर सके।

हेडली द्वारा बनाए गए वीडियो पहले मेजर इकबाल को दिए जाते थे, फिर लश्कर-ए-तैयबा को। उसके करीबी सहयोगियों में साजिद मजीद, जकी-उर-रेहमान लखवी और हेडली शामिल हैं। वह NIA के मामले 04/2009 में अभियुक्त है और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी है। माना जाता है कि उसने ISI के लिए हमले की योजना बनाई और हमले में सक्रिय भागीदारी की। उसकी मौजूदा स्थिति अस्पष्ट है, हालांकि माना जाता है कि वह ISI के संरक्षण में है। भारत उसका प्रत्यर्पण मांग रहा है, पर अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है।

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