
विधायक तापस साहा
पश्चिम बंगाल के एक विधायक की मौत की खबर सामने आ रही है, सीएम ममता बनर्जी ने भी विधायक की मौत पर शोक व्यक्त किया है। विधायक का नाम तापस साहा है वे टीएमसी पार्टी से विधायक थे। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को मस्तिष्काघात से कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वे 66 साल के थे। तापन साहा बीते मंगलवार अचानक से बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने आज दम तोड़ दिया।
अस्पताल में तोड़ा दम
तापस साहा पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के तेहट्टा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे। वह बीते मंगलवार को अचानक बेसुध हो गए थे जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में ‘ईएम बाईपास’ स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इलाज के बावजूद उनकी हालत बिगड़ती गई और गुरुवार की सुबह उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।
छपरा से पार्टी विधायक और वरिष्ठ नेता रुकबानुर रहमान ने उनके निधन को लेकर कहा कि जिला स्तर के कई नेता कोलकाता पहुंच रहे हैं। आगे रहमान ने कहा, ‘‘मंगलवार को मस्तिष्काघात के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। आज सुबह उनका निधन हो गया। तापस दा के परिवार और पार्टी के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतिम संस्कार के बारे में फैसला लिया जाएगा।’’
ममता बनर्जी ने व्यक्त किया शोक
तापस साहा से मौत पर ममता बनर्जी ने गहरा शोक व्यक्त किया। ममता ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, मैं नदिया के तेहट्ट से विधायक और हमारे तृणमूल कांग्रेस परिवार के एक महत्वपूर्ण सदस्य तापस साहा के असामयिक निधन से बहुत दुखी हूं। वह मेरे लंबे समय से सहयोगी थे। उनका निधन जिले और बंगाल की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं उनके परिवार, रिश्तेदारों, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।
ममता के करीबी थे तापस
जानकारी दे दें कि तापस साहा तृणमूल कांग्रेस के शुरुआती सदस्यों में से एक थे और उन्हें पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का बेहद करीबी माना जाता है। तापस ने तेहट्टा से साल 2011 में टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। हालांकि, बाद में उनका सस्पेंशन वापस लिया गया और 2016 में उन्होंने तृणमूल के टिकट पर पलाशीपारा से जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें तेहट्टा से 2021 में चुनावी मैदान में उतारा गया और उन्होंने जीत हासिल की। एमएलए के रूप में तापस साहा का लगातार यह दूसरा कार्यकाल था।
(इनपुट-पीटीआई)
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